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Hindi News पटना कॉलेज में बीबीए में प्रवेश का मामला: नामांकन अवैध, प्राचार्य हटे

पटना कॉलेज में बीबीए में प्रवेश का मामला: नामांकन अवैध, प्राचार्य हटे

पटना कॉलेज में बिना विवि प्रशासन की अनुमति के 147 छात्रों के नामांकन को अवैध घोषित कर दिया गया है। कुलपति डा. श्याम लाल ने शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संस्थान को चलाने के लिए...

 पटना कॉलेज में बीबीए में प्रवेश का मामला: नामांकन अवैध, प्राचार्य हटे
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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पटना कॉलेज में बिना विवि प्रशासन की अनुमति के 147 छात्रों के नामांकन को अवैध घोषित कर दिया गया है। कुलपति डा. श्याम लाल ने शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संस्थान को चलाने के लिए कायदे-कानून होते हैं। इनको तोड़कर कोई भी नहीं बच सकता। पटना कॉलेज प्रशासन द्वारा अवैध तरीके से छात्रों का नामांकन लिया गया। विश्वविद्यालय की फैक्ट फाइंडिंग कमिटी ने भी अपनी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। इस कमिटी ने जांच के बाद कॉलेज के प्राचार्य व कोर्स कॉर्डिनेटर को दोषी ठहराया है।ड्ढr ड्ढr साथ ही मामले में पैसे की संलग्नता को देखते हुए कुलपति ने इसकी राज्य निगरानी विभाग से जांच कराने का निर्णय लिया गया है। कुलपति ने कहा कि मामले में मुख्य दोषी ठहराए गए कोर्स समन्वयक डा. पीसी वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। वहीं प्राचार्य डा. रणविजय कुमार को उनके पद से हटाते हुए स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में भेजा गया है। वहीं प्रॉक्टर डा. रासबिहारी सिंह को पटना कॉलेज का प्राचार्य नियुक्त किया गया है। डा. कुमार को हटाए जाने के बाद डा. कुमुदनी सिन्हा को प्राचार्य पद पर नियुक्त किया गया था लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य आधार पर यहां कार्य करने से मना कर दिया। इसके बाद विवि प्रशासन ने प्रॉक्टर को इस पद पर नियुक्त किया। इस संबंध में कुलपति ने कहा कि प्राचार्य पद पर बाद में अलग से बहाली होगी। साथ ही बीबीए विभाग के पूर्व के सभी कार्यालय कर्मियों को भी हटा दिया गया है। कुलपति ने कहा कि कॉलेज प्रशासन ने विवि प्रशासन से बिना अनुमति लिए ही बीबीए में 147 छात्रों का नामांकन के लिए चालान ऑर्डर दे दिया। बाद में जब छात्रों ने दबाव बनाया तो विवि प्रशासन से अनुमति लेने का प्रयास शुरू हुआ। कुलपति ने कहा कि बिना विवि प्रशासन को बताए सीट बढ़ाने का निर्णय लेना गलत था। कुलपति ने कहा कि प्रभावित छात्रों से हमारी सहानुभूति है और हम चालान राशि को चेक के माध्यम से वापस करंेगे।

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