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समाज तोड़ने की हो रही साजिश

वर्तमान समय में इसलाम पर निशाना साधा जा रहा है। वैश्विक साजिश के नतीजे में एक समुदाय विशेष के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। पूर समाज के अंदर घृणा, शत्रुता, आतंक, क्षेत्रीयता एवं सांप्रदायिकता की...

 समाज तोड़ने की हो रही साजिश
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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वर्तमान समय में इसलाम पर निशाना साधा जा रहा है। वैश्विक साजिश के नतीजे में एक समुदाय विशेष के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। पूर समाज के अंदर घृणा, शत्रुता, आतंक, क्षेत्रीयता एवं सांप्रदायिकता की आग भड़काने की कोशिश की जा रही है। इस संबंध में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का रवैया अत्यंत घृणित है। ये बातें डॉ हसन राा ने रविवार को जमायत-ए-इसलामी द्वारा कर्बला चौक में अमन व इंसाफ विषय पर आयोजित कांफ्रेंस में कहीं।ड्ढr उन्होंने कहा कि ग्लोबल कैपिटलिज्म एवं कम्युनल फासिज्म का यह एजेंडा है कि वे समाज में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए आपसी में दरार पैदा करं। दुश्मन को बर्बाद करने के लिए उन्हें दहशतगर्द कहो। देश में अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने का घृणित काम आज भी ऐसी शक्ितयों द्वारा किया जा रहा है। इसके निशाने पर मुसलमान और इसाई धर्म के लोग हैं। सत्ता पर बैठे लोग राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए केवल बयानबाजी से काम लेते हैं। बम ब्लास्ट करा कर हिंदू और मुसलिमों के बीच नफरत की आग सुलगायी जा रही है। देश में परिवर्तन लाना जरूरी है। इसके लिए लोगों को जागरूक होना होगा और उन्हें अपनी मानसिकता बदलनी होगी। कार्यक्रम का संचालन साजिद अख्तर ने किया।ड्ढr इससे पूर्व सैनिक बाजार से रैली निकाली गयी। रैली वहां से निकलकर रतन टॉकिा से कर्बला चौक होती हुई मौलाना आजाद हाइस्कूल पहुंची जहां सभा में तब्दील हो गयी।ड्ढr मौके पर मौलाना असगर मिसबाही, रिावान अहमद, मास्टर मोइज, सुहैल अनवर, दानिश, शारिक कमर, तौसीफ, मतीन तारिक, मुजाहिद, रााउल्लाह, अब्दुल मुगनी, मुमताज आलम, सहााद अहमद, वकील अहमद, रेहान समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। भगवा झंडा वालों पर नहीं होती कार्रवाई : सज्जादरांची। डॉ अहमद सज्जाद ने कहा कि एक साजिश के तहत दहशतगर्दी के नाम पर मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है। बेगुनाह नौजवानों को उग्रवादी कह कर जेल भेज दिया जा रहा है। भगवा झंडा वालों पर कभी कार्रवाई नहीं होती है। कई घटना में उनके शामिल होने के बावजूद उनपर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है। ऐसे इसलाम अमन व शांति का पैगाम देने वाला मजहब है। इस धर्म में आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाता है।

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