गिनती से पूर्व रिजल्ट निकालते रहे कर्मचारी
बदला-बदला रहा सचिवालय का मौसम! मतगणना शनिवार को होनी है लेकिन सरकारी कर्मी शुक्रवार को ही अपना-अपना रिजल्ट पेश करने लगे। कर्मचारी और अधिकारी दफ्तर आए तो उसी अंदाज में जैसे रोज आते हैं लेकिन उनके बीच...
बदला-बदला रहा सचिवालय का मौसम! मतगणना शनिवार को होनी है लेकिन सरकारी कर्मी शुक्रवार को ही अपना-अपना रिजल्ट पेश करने लगे। कर्मचारी और अधिकारी दफ्तर आए तो उसी अंदाज में जैसे रोज आते हैं लेकिन उनके बीच बातचीत उस तरह की नहीं हुई जैसे आम दिनों में होती है। माहौल बदले भी क्यों ना? आखिर सामने देश की नयी सरकार का मुद्दा जो है। मुख्य सचिवालय हो या विकास भवन। विश्वेश्वरैया भवन हो या फिर सिंचाई भवन। सभी जगह यही सवाल कि कल क्या होगा? इसका जवाब भी अलग-अलग। कुछ कर्मचारी डॉ. मनमोहन सिंह से लेकर राहुल गांधी तक के नेतृत्व में यूपीए की तो कुछ लोग एनडीए की सरकार बनाने में जुटे रहे।ड्ढr ड्ढr इन सबके बीच एक धड़ा ऐसा भी दिखा जिसे किसी भी दल को बहुमत न मिलने की स्थिति में शरद पवार या मायावती के नेतृत्व में तीसर मोर्चे की सरकार बनने की उम्मीद है। दोपहर तक तो विभागों में जैसे-तैसे काम निबटाया गया लेकिन लंच के बाद सचिवालय का राजनीतिक तापक्रम बढ़ता चला गया। उसके बाद तो सीढ़ियों, गलियारों और चाय-समोसे की दुकानों पर देर शाम तक मतगणना के बाद बनने वाली सरकार का आकार-प्रकार खींचा जाता रहा। एक्िजट पोल और ओपिनियन पोल से भी बढ़-चढ़ कर बड़े-बड़े दावे। जो जिसका समर्थक, उसकी ही सरकार का पूरा नक्शा पेश कर दिया गया। आडवाणी आएंगे या मनमोहन की ही वापसी होगी, इसको लेकर तरह-तरह के कयास। राजनीतिक विश्लेषण में कोई किसी से कम नहीं।