निर्यातकों को मिल सकती है ब्याज दर में रियायत
अमेरिका और यूरोपीय संघ जसे प्रमुख व्यापारिक साझीदारों के वित्तीय संकट से ग्रस्त होने के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों के दौरान निर्यात वृद्धि दर में खासी गिरावट आने के बाद सरकार प्रोत्साहन...
अमेरिका और यूरोपीय संघ जसे प्रमुख व्यापारिक साझीदारों के वित्तीय संकट से ग्रस्त होने के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों के दौरान निर्यात वृद्धि दर में खासी गिरावट आने के बाद सरकार प्रोत्साहन पैकेा तैयार करने में जुट गई है। इसके तहत निर्यातकों को ब्याज दर में और छूट प्रदान किये जाने की उम्मीद की जा रही है। इस मामले में खुद प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने वित्त सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति गठित कर रखी है। यह समिति प्रोत्साहन पैकेा के पहलुओं पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक इस समिति ने सैद्धांतिक स्तर पर निर्यातकों को ब्याज दरों में मिल रही अतिरिक्त रियायत को फिर से शुरू करने की बात को स्वीकार कर लिया है। सचिवों की समिति अपने मसौदे को जल्द ही पीएमओ के हवाले करने वाली है। सूत्रों की मानें तो यह मसौदा सप्ताह भर के अंदर पीएमओ के पास पहुंच जाएगा। दरअसल सरकार ने रुपये के मूल्य में बढ़ोत्तरी के समय निर्यातकों को ब्याज दर में चार फीसदी की अतिरिक्त छूट दी थी। उस समय यह घोषणा की गई थी कि इसे 31 मार्च, 200तक जारी रखा जाएगा। लेकिन इसे पहली अक्टूबर से ही समाप्त कर दिया गया है। लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में निर्यातकों की मांग को ध्यान में रखते हुये वाणिज्य मंत्रालय ने इसे फिर से शुरू करने की सिफारिश की है। सूत्रों के मुताबिक यह समिति परंपरागत उत्पाद क्षेत्रों जसे रत्न एवं आभूषण, टेक्सटाइल और इांीनियरिंग उत्पादों को शामिल किये जाने की योजना है। इस बीच रिार्व बैंक ने निर्यात बाद क्रेडिट के लिए तय अवधि को 0 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन कर दिया है। सामान्य निर्यात क्रेडिट में निर्यातकों को ब्याज दरों में 2.5 फीसदी की छूट दी जाती है।