कहीं न कहीं कोई खामी जरूर थी : नौसेना
समुद्री रास्ते से हुए मुंबई हमले को लेकर एक दूसरे पर दोषारोपण के सिलसिले के बीच नौसेना प्रमुख एडमिरल सुरीश मेहता ने मंगलवार को खुलकर स्वीकार कर लिया कि कहीं न कहीं व्यवस्था फेल हो गई थी। एडमिरल...
समुद्री रास्ते से हुए मुंबई हमले को लेकर एक दूसरे पर दोषारोपण के सिलसिले के बीच नौसेना प्रमुख एडमिरल सुरीश मेहता ने मंगलवार को खुलकर स्वीकार कर लिया कि कहीं न कहीं व्यवस्था फेल हो गई थी। एडमिरल मेहता ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कि अब इसमें कोई शक नहीं रह गया है कि मुंबई हमले के आतंकवादी समुद्री रास्ते से ही आए थे। उन्होंने कहा कि मैं देख सकता हूं कि देश में आक्रोश व्याप्त है। यह अत्यंत गंभीर मामला है। यह व्यवस्था की विफलता थी और इसे इसी रूप में लिया जाना चाहिए। नौसेना प्रमुख का यह बयान ऐसे समय आया है, जब रक्षा मंत्री एके एंटनी से उनकी मुलाकात के बारे में मीडिया में यह खबर सामने आई थी, कि हमलावरों को रोकने में विफलता के लिए उनकी खिंचाई की गई। नौसेना दिवस से दो दिन पूर्व आयोजित अपने संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत एडमिरल मेहता ने मुंबई हमले में मारे गए लोगों के परिवारजनों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए दो मिनट के मौन से की, लेकिन हमले को लेकर उठे सवालों को वह मौन नहीं कर पाए। अलबत्ता एडमिरल मेहता इन खबरों से काफी आहत थे कि जब भी वह रक्षा मंत्री से मुलाकात करते हैं अगले दिन के अखबारों में यह मोटी मोटी सुर्खी आ जाती है कि नौसेना प्रमुख की खिंचाई हुई, लेकिन मुंबई में आतंकवादी हमले को लेकर वह नौसेना और तटरक्षक बल की भूमिका को लेकर बचाव की मुद्रा में नजर आए।