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Hindi Newsआत्मसमर्पण को गद्दाफी के बेटे से आईसीसी की बातचीत जारी

आत्मसमर्पण को गद्दाफी के बेटे से आईसीसी की बातचीत जारी

आत्मसमर्पण की शर्तों के बारे में दिवंगत लीबियाई नेता मुअम्मर गद्दाफी के पुत्र सैफ अल इस्लाम के साथ अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध अदालत (आईसीसी) की बातचीत अभी भी जारी है। मुख्य अभियोजक लुइस मोरेनो...

आत्मसमर्पण को गद्दाफी के बेटे से आईसीसी की बातचीत जारी
एजेंसीThu, 03 Nov 2011 09:47 AM
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आत्मसमर्पण की शर्तों के बारे में दिवंगत लीबियाई नेता मुअम्मर गद्दाफी के पुत्र सैफ अल इस्लाम के साथ अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध अदालत (आईसीसी) की बातचीत अभी भी जारी है।

मुख्य अभियोजक लुइस मोरेनो ओकैम्पो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि आईसीसी को सैफ अल इस्लाम से जुड़े लोगों की ओर से कुछ सवाल प्राप्त हुए हैं। ये सवाल आत्मसमर्पण करने की स्थिति में कानूनी शर्तों के बारे में हैं।

मोरेनो ओकैम्पो के अनुसार, सैफ को आशंका है कि उसे लीबिया की नयी सरकार के सुपुर्द कर दिया जाएगा। इस बीच भाड़े के लड़ाके गद्दाफी के बेटे को भगाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि लीबिया की नई सरकार को सैफ और दिवंगत लीबियाई तानाशाह के साले एवं खुफिया प्रमुख अब्दुल्ला अल सेनुसी के खिलाफ सुनवाई का अधिकार दिया जा सकता है।

आईसीसी ने 27 जून को गद्दाफी, सैफ और सेनुसी के खिलाफ वारंट जारी किया था। इन लोगों पर लीबिया में विरोध-प्रदर्शनों को कुचलने के लिए मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप है।

गद्दाफी 20 अक्टूबर को पकड़े जाने के बाद मारे गए। उनकी मौत के आधिकारिक सबूत मिलने के बाद उनके खिलाफ लगाए गए आरोप औपचारिक तौर पर वापस लिए जा सकते हैं। गद्दाफी की मौत के बाद से सैफ और सेनुसी को नहीं देखा गया है। मोरेनो ओकैम्पो ने कहा कि उनका कार्यालय इन दोनों को न्याय के दायरे में लाने और न्याय दिलाने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है।

अभियोजक ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के समक्ष कहा कि सैफ के प्रतिनिधियों ने सवाल किया है कि यदि वह न्यायधीशों के समक्ष आत्मसमर्पण करता है तो क्या होगा और क्या उसे बरी किया जा सकता है या सजा हो सकती है। सुरक्षा परिषद ने लीबिया का मामला आईसीसी के पास भेजा है।

अदालत ने स्पष्ट किया कि सैफ दोषी ठहराए जाने या बरी किए जाने के बाद न्यायाधीशों से अनुरोध कर सकता है कि उसे लीबिया भेजने का आदेश न दिया जाए।

अभियोजक के अनुसार, जज यह फैसला भी कर सकते हैं कि क्या उसे किसी अन्य देश में भेजा जा सकता है। उन्होंने बताया कि गद्दाफी के ठिकानों पर हवाई हमले करने के लिए नाटो बलों के खिलाफ भी अपराध के आरोप लगाए गए हैं। नेशनल ट्रांजीशनल काउंसिल पर नागरिकों को लड़ाके होने के संदेह में कथित तौर पर हिरासत में रखने और हिरासत में रह रहे लड़ाकों को मार डालने का आरोप है। उन्होंने कहा कि इन आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच की जाएगी।

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