मिले आइएसआइ के खिलाफ पक्के सबूत
भारत के पास इस बात के ‘सबूत’ हैं कि पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) का निदेशालय 2611 के मुंबई आतंकी हमलों की योजना बनाने में शामिल था। गुरुवार शाम सूत्रों ने यह जानकारी दी। भारत सरकार...
भारत के पास इस बात के ‘सबूत’ हैं कि पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) का निदेशालय 2611 के मुंबई आतंकी हमलों की योजना बनाने में शामिल था। गुरुवार शाम सूत्रों ने यह जानकारी दी। भारत सरकार के पास आइएसआइ के उन लोगों के नाम हैं जिन्होंने मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले 10 आतंकियों को प्रशिक्षण दिया। उसके पास लश्कर ए तैयबा द्वारा उपयोग में लाये गये इंटरनेट प्रोटोकॉल पतों के विवरण भी हैं। पहले इन पतों का उपयोग पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने किया था। भारत को यह भी मालूम है कि इन आतंकवादियों को कहां प्रशिक्षित किया गया। हालांकि इन ‘सबूतों’ के ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए गये। सबूतों को लेकर भारत का यह दावा, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के उस बयान के बाद आया है जिसमें जरदारी ने मुंबई में गिरफ्तार आतंकवादी के पाकिस्तानी होने पर संदेह जताया था। अब आइएसआइ पर उंगली उठाकर भारत ने 2611 के लिए पाकिस्तानी सेना पर प्रभावशाली तरीके से आरोप जड़ दिया है। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन एडमिरल माइक मुलेन ने पाकिस्तानी नेतृत्व को बुधवार को कहा कि उन्हें लश्कर सरगना हाफिा सईद को गिरफ्तार करने और आतंकवादी संगठनों की कार्रवाइयों को खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने राज खोला कि वास्तव में पाकिस्तान में आतंकवादियों की मौजूदगी को लेकर भारत ने जितनी सूचनाएं दी हैं उनसे कहीं अधिक खुफिया जानकारियां अमेरिका के पास हैं। सूत्रों ने लश्कर की अफगानिस्तान, सूडान व चेचन्या में मौजूदगी का जिक्र करते हुए सूत्रों ने कहा कि इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुंबई हमले पाकिस्तान की नागरिक सरकार पर पाकिस्तानी सेना का वार और ‘आजादी का ऐलान’ भी है।