प्रणव ने सुधार विधेयकों पर सभी दलों से सहयोग मांगा
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सुधारों से जुड़े कुछ अहम विधेयकों को देश की समृद्धि और विकास के लिये महत्वपूर्ण बताते हुए विभिन्न दलों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सहयोग देने का आहवान किया। राष्ट्रीय...
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सुधारों से जुड़े कुछ अहम विधेयकों को देश की समृद्धि और विकास के लिये महत्वपूर्ण बताते हुए विभिन्न दलों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सहयोग देने का आहवान किया।
राष्ट्रीय विकास परिषद की 56वीं बैठक में वित्त मंत्री ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि मैं इस मौके पर सभी नेताओं चाहे वह किसी भी पार्टी और क्षेत्र से हों, अपील करना चाहता हूं कि हम किसी भी पार्टी से क्यों न जुड़े हों, हमारी पहली प्रतिबद्धता भारत के प्रति होनी चाहिये।
सहमति नहीं बन पाने के कारण लंबित महत्वपूर्ण विधेयकों पर समर्थन देने का आहवान करते हुए मुखर्जी ने कहा कि एक राजनीतिज्ञ के तौर पर हम चुनाव जीतना चाहते हैं, मुझे स्वयं भी यह कहने में कोई संकोच नहीं कि मैं भी चुनाव जीतना चाहता हूं, लेकिन हमारी चुनाव में जीत भारत की जीत से बड़ी नहीं होनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि वह यह बात इसलिये कह रहें हैं कि कुछ महत्वपूर्ण सुधार लंबित हैं, जिन्हें सीधे सरकारी आदेश से लागू नहीं किया जा सकता। हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि इस तरह के सुधार भारत के विकास के लिये महत्वपूर्ण है और इनपर तभी अमल हो सकता है जब हम सभी मिलकर काम करें। हमें यह याद रखना चाहिये कि भारत की जीत में ही हम सब की जीत है।
उल्लेखनीय है कि प्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में प्रत्यक्ष कर संहिता और अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों से जुड़ा वस्तु एवं सेवाकर संवैधानिक संशोधन विधेयक संसद में लंबित हैं। इसके अलावा बीमा और पेंशन क्षेत्र में सुधारों से जुड़े विधेयक भी लंबे समय से लटके पड़े हैं, जिनपर सरकार को संसद में मजबूत समर्थन की आवश्यकता है।