फोटो गैलरी

Hindi Newsपाक में अमेरिका अपनाएगा हिट एंड रन पॉलिसीः मुशर्रफ

पाक में अमेरिका अपनाएगा हिट एंड रन पॉलिसीः मुशर्रफ

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ का मानना है कि अगर अमेरिका अशांत उत्तरी वजीरिस्तान कबायली इलाके में स्थित हक्कानी नेटवर्क पर निशाना साधता है तो उसकी कार्रवाई हमला करके हट जाने वाली...

पाक में अमेरिका अपनाएगा हिट एंड रन पॉलिसीः मुशर्रफ
एजेंसीFri, 21 Oct 2011 03:43 PM
ऐप पर पढ़ें

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ का मानना है कि अगर अमेरिका अशांत उत्तरी वजीरिस्तान कबायली इलाके में स्थित हक्कानी नेटवर्क पर निशाना साधता है तो उसकी कार्रवाई हमला करके हट जाने वाली होगी।

करीब एक दशक तक पाकिस्तान के सेना प्रमुख भी रह चुके मुशर्रफ ने कहा, संभवत: हेलीकॉप्टरों के साथ हमला करके हट जाने की कार्रवाई होगी जैसा उन्होंने ओसामा बिन लादेन के साथ किया। लेकिन अमेरिका के काफी जवान हताहत होंगे।

मुशर्रफ ने अरकंसास में क्लिंटन स्कूल ऑफ पब्लिक सर्विस में एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात ऐसे वक्त में कही है जब अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान के असैन्य और सैन्य नेताओं को हक्कानी नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई करने के लिहाज से मनाने के लिए उनसे उच्चस्तरीय बातचीत की है। वाशिंगटन ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने के पीछे हक्कानी नेटवर्क के लड़ाकों का हाथ बताया था।

पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने माना कि इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच रिश्तों पर पूरी तरह अविश्वास हावी है और वे अपने निम्नतम ह्रास पर हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद ने हक्कानी नेटवर्क पर पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है। मुशर्रफ ने अपने भाषण में कहा कि दोनों देशों को आतंकवाद के खिलाफ नेतृत्व की भूमिका अदा करनी चाहिए लेकिन उनके रिश्ते निम्नतम स्तर पर हैं।

मुशर्रफ ने पाकिस्तान को आतंकवाद करने वाला नहीं बल्कि उसका पीड़ित बताया और साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तानी कस्बे में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौजूदगी उस देश की लापरवाही दिखाती है न कि उसकी सह अपराधिता।

उन्होंने कहा कि बिन लादेन के पाकिस्तान में छिपे रहने का मामला मिलीभगत का नहीं बल्कि लापरवाही का है जिसे साबित करना कठिन है। मुशर्रफ ने कहा कि दुनिया जहां सोचती है कि यह निश्चित रूप से मिलीभगत है वहीं दुनिया तथा अमेरिका के सामने यह साबित करना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि यह लापरवाही का मामला है। मुझे नहीं लगता कि वे इसे साबित करने के लिए अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।

पूर्व सैन्य शासक के अनुसार उन्होंने वर्ष 2000 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से कहा था कि तालिबान को मान्यता मिलनी चाहिए और देशों को इस समूह से कूटनीतिक संबंध बनाने चाहिए ताकि उसका रुख नरम करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यदि हमने तालिबान को मान्यता दी होती और वहां अपने मिशन खोले होते और अगर 90-100 देशों ने तालिबान पर कूटनीतिक दबाव बनाया होता तो शायद ओसामा बिन लादेन का मुद्दा सुलझ गया होता। मुशर्रफ ने कहा कि ऐसा नहीं किया जाना अतीत की बड़ी भूल है।

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानी सैन्य और खुफिया सेवाओं को हक्कानी नेटवर्क को परास्त करने के बारे में अपनी रणनीति अमेरिका को स्पष्ट करनी चाहिए। हक्कानी आतंकवादियों के हमले को आईएसआई का समर्थन होने संबंधी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के पूर्व प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन के बयानों की आलोचना करते हुए मुशर्रफ ने कहा कि उनके बयान बहुत गलत हैं। मुशर्रफ ने कहा, इस तरह के आरोप नहीं लगाये जाएं। स्पष्टीकरण मांगा जाए। पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें