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केसर की खेती को लगी किसकी नजर

जम्मू-कश्मीर सरकार ने माना है कि अगर पर्याप्त कदम न उठाए गए तो राज्य में केसर की खेती खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगी, क्योंकि एक दशक में इसका रकबा और उत्पादन घटा है। राज्य के कृषि मंत्रालय के...

केसर की खेती को लगी किसकी नजर
एजेंसीWed, 05 Oct 2011 01:11 PM
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जम्मू-कश्मीर सरकार ने माना है कि अगर पर्याप्त कदम न उठाए गए तो राज्य में केसर की खेती खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगी, क्योंकि एक दशक में इसका रकबा और उत्पादन घटा है।

राज्य के कृषि मंत्रालय के रिकार्ड के मुताबिक, वर्ष 1997-98 में केसर की खेती का रकबा 5,707 हेक्टेयर था जो 2006-07 में घटकर 3,010 हेक्टेयर रह गया। गुलाम हसन मीर की अगुवाई वाले मंत्रालय ने राज्य विधान परिषद को सूचित किया कि सबसे महंगी फसल माने जाने वाले केसर की खेती का अस्तित्व खतरे में है। राज्य सरकार ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि केसर की उत्पादकता 16 टन से घटकर 8.5 टन रह गई है।

मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर में केसर की औसत उत्पादकता 2.32 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। सरकार ने कहा कि नेशनल मिशन आन सैफरन फार इकोनामिक रिवाइवल आफ जेएंडके सैफरन को लागू करने के बाद उत्पादन बढ़कर 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पर पहुंचने की संभावना है। इस मिशन के तहत चार साल के दौरान पुलवामा, बडगाम और श्रीनगर सहित सभी केसर उत्पादक जिलों में 372.18 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

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