फोटो गैलरी

Hindi News नए डेंटल कॉलेज नहीं खोलेंगी राज्य सरकारें

नए डेंटल कॉलेज नहीं खोलेंगी राज्य सरकारें

गुजरात, केरल, हिमाचल प्रदेश तथा आंध्र प्रदेश सरकारों ने डेंटल कौंसिल ऑफ इंडिया को आश्वासन दिया है कि वे अपने राज्यों में और नए डेंटल कॉलेज नहीं खोलेंगीं। निजी कॉलेजों के खुलने पर उन्हें मान्यता नहीं...

 नए डेंटल कॉलेज नहीं खोलेंगी राज्य सरकारें
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

गुजरात, केरल, हिमाचल प्रदेश तथा आंध्र प्रदेश सरकारों ने डेंटल कौंसिल ऑफ इंडिया को आश्वासन दिया है कि वे अपने राज्यों में और नए डेंटल कॉलेज नहीं खोलेंगीं। निजी कॉलेजों के खुलने पर उन्हें मान्यता नहीं दी जाएगी। डेंटल कौसिंल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डा.अनिल कोहली के अनुसार गत माह उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा था कि और नए डेंटल कॉलेज न खोले जाएं। उनका कहना है कि पहले ही भारत में विश्व के सबसे ज्यादा डेंटल कालेज हैं, जिनकी संख्या 286 है, जबकि पूर विश्व में इनकी संख्या 0 है। इनमें से 3सरकारी कॉलेज हैं और शेष निजी डेंटल कॉलेज हैं। अमेरिका में कुल 60 डेंटल कॉलेज हैं। सबसे ज्यादा डेंटल कॉलेज कर्नाटक में हैं, जहां इनकी संख्या 43 है। इन कॉलेजों में शिक्षकों का अभाव होने के कारण डेंटल शिक्षा में गुणवत्ता की कमी है। कॉलेजों में पहले ही शिक्षकों की कमी का सामना कर डेंटल कॉलेज कर रहे हैं और जब और नए डेंटल कालेज खुलेंगे तो यह समस्या अधिक बढ़ जाएगी। विशेषकर उत्तर प्रदेश का बहुत बुरा हाल है। डेंटल कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर का भी अभाव है। डा.अनिल कोहली का कहना है कि जिस प्रकार महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश राज्यों में मेडिकल यूनिवसिर्टीज हैं और वहां के सभी डेंटल कॉलेज उनके अधीन हैं। इसी प्रकार अन्य राज्यों को भी अपने यहां मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाकर डेंटल कॉलेजों को उनके अधीन कर देना चाहिए। इससे सभी के लिए एक समान प्रश्न पत्र होंगे और एक निर्धारित तिथि पर ही सभी कॉलेजों में परीक्षाएं होगी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में भी मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाने का अध्यादेश छह माह पूर्व ही पारित कर दिया गया है, लेकिन निजी कॉलेज इसको लागू नहीं होने दे रहे हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें