रेलवे का प्रस्ताव प्रशासन ने लौटाया
छपरा-मुजफ्फरपुर रल परियोजना पटरी पर चढ़ने से पहले ही नीचे उतर गयी है। जमीन अधिग्रहण के लिए रलवे की ओर से भेजे गए करीब 70 एकड़ जमीन के 16 प्रस्ताव को जिला भू-अर्जन कार्यालय ने लौटा दिया है। वहीं 2...
छपरा-मुजफ्फरपुर रल परियोजना पटरी पर चढ़ने से पहले ही नीचे उतर गयी है। जमीन अधिग्रहण के लिए रलवे की ओर से भेजे गए करीब 70 एकड़ जमीन के 16 प्रस्ताव को जिला भू-अर्जन कार्यालय ने लौटा दिया है। वहीं 2 प्रस्ताव जिला भू-अर्जन कार्यालय के स्तर से ही लंबित है। जबकि रलवे ने भूमि मुआवजा के लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय में 4 करोड़ रुपये अग्रिम जमा कर रखा है। भू-अर्जन की कार्रवाई में तेजी के लिए रलवे व राज्य सरकार के स्तर पर वार्ता चल रही है, पर इस परियोजना का मामला फिलहाल अधर में है। वर्ष 2006-07 में स्वीकृत इस परियोजना के लिए मुजफ्फरपुर जिले में कुल 404 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। इसके लिए रलवे ने 51 प्रस्ताव भेजा था, जिसमें से 70 एकड़ जमीन के 16 प्रस्ताव बगैर विवरण का ही था। जिला भू-अर्जन अधिकारी हरिशंकर प्रसाद ने बताया कि सत्यापन के दौरान उक्त 16 प्रस्ताव में त्रुटि होने के कारण रलवे को लौटाया गया है। उक्त प्रस्ताव में खेसरा व रकबा अंकित नहीं है। नक्शा में भी गड़बड़ी है। सुधार के साथ सूची भेजे जाने पर ही आगे की कार्रवाई होगी। रवाघाट के पास वसंत गांव के दो प्रस्ताव का मामला लंबित है। यहां कटाव होने के कारण मापी में हुई विलंब से मामला लंबित है। इसके लिए सीओ से रिपोर्ट मांगी गयी है। वहीं 33 प्रस्ताव स्वीकृत कर जिला प्रशासन ने प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से राज्य सरकार को भेज दिया है। बताया गया है कि कुल 310 एकड़ जमीन के भू-अर्जन की प्रक्रिया करीब पूरी हो गई है। दर निर्धारण के बाद भू-स्वामियों को मुआवजा दिया जाएगा।