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सरकार एजी को 18 तक दस्तावेज दे

झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार को हेलीकॉप्टर उड़ान के सभी दस्तावेज महालेखाकार कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्र और जस्टिस डीके सिन्हा की कोर्ट ने सरकार को इसके लिए 18...

 सरकार एजी को 18 तक दस्तावेज दे
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार को हेलीकॉप्टर उड़ान के सभी दस्तावेज महालेखाकार कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्र और जस्टिस डीके सिन्हा की कोर्ट ने सरकार को इसके लिए 18 तक का समय देते हुए मामले की सुनवाई 1मई को निर्धारित की है। बिंदु भूषण दुबे की याचिका करते हुए कोर्ट ने महाधिवक्ता से कहा कि वह महालेखाकार कार्यालय द्वारा इस मामले में मांगे गये सभी दस्तावेज अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराये। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि महालेखाकार की रिपोर्ट सही नहीं है। महालेखाकार की रिपोर्ट बिहार सरकार द्वारा 1में जारी सरकुलर पर आधारित है। इस सरकुलर के अनुसार बिहार में भी उड़ान नहीं होती थी। इस कारण झारखंड में भी इसका पालन नहीं किया जा रहा है। यह सरकुलर है, रूल नहीं है। इस कारण सरकुलर का पालन करना अनिवार्य नहीं है। सरकुलर के आधार पर महालेखाकार ने उड़ान को अवैध बताया है। यहा तक की सीएम और गर्वनर की उड़ान को भी महालेखाकार ने अवैध ठहराया है। राज्य में एक भी उड़ान अवैध नहीं है। बावजूद इसके यदि जांच के बाद यह पता चलेगा कि कोई उड़ान अवैध है, तो यात्रा करनेवालों से राशि वसूल की जायेगी। महालेखाकार ने जिस 203 उड़ान को ब्लैंक बताया है, वह दरअसल अवैध नहीं है। ये उड़ानें टेस्ट के लिए की गयी थी। इसके अलावा ट्रेनिंग फ्लाइट भी हुई है। ऐसा डीाीसीए का नियम भी है। इस कारण सभी उड़ानें वैध हैं। सरकार गुमराह कर रही प्रार्थी की ओर से कहा गया कि सरकार कोर्ट को गुमराह कर रही है। सरकार निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर रखी थी। इस कारण मेंटनेंससस, टेस्ट फ्लाइट और ट्रेनिंग के लिए डीाीसीए का नियम सरकारी उड़ानों पर लागू होता है। निजी फ्लाइट पर सरकार को इस काम के लिए राशि खर्च नहीं करनी पड़ती। ऐसा कर पब्लिक मनी का दुरुपयोग किया गया है। सरकार की ओर से यात्रियों के नाम, लॉगबुक भी नहीं दिया जा रहा है। कई बार एजी ने रिमाइंडर भी दिया है। इस कारण मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए।ड्ढr एजी ने मांगे पैसेंजर मेनीफेस्ट, लॉगबुक महालेखाकार की ओर से कहा गया कि पैसेंजर मेनीफेस्ट, लॉगबुक और अन्य दस्तावेजों की मांग उसने सरकार से कई बार की है। सात बार रिमाइंडर भी दिया है। लेकिन अभी तक ये दस्तावेज नहीं दिये गये हैं। इस कारण महालेखाकार ने अभी तक प्रारंभिक रिपोर्ट ही दी है। जब तक सभी दस्तावेज नहीं मिल जाते, तब तक अंतिम रिपोर्ट नहीं दी जा सकती। इस पर कोर्ट ने सरकार को सभी दस्तावेज एजी कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।ड्ढr हो रहा है मीडिया ट्रायलड्ढr हेलीकॉप्टर मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि यह जनहित याचिका नहीं है। पब्लिसिटी के लिए इसे दायर किया गया है। इस मामले में मीडिया में ही ट्रायल हो रही है। प्रार्थी अपना प्रचार कर रहा है। कोर्ट में मामला आने से पहले ही अखबारों में रिपोर्ट छप रही है। हर दिन मामले की खबर छप रही है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि आप इससे प्रभावित हो रहे हैं, तो इसकी शिकायत प्रेस कौंसिल में कीािये या फिर मानहानि का केस करं।

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