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Hindi News समुद्री लुटेरों पर जर्मन नौसेना की श्रेय लेने की कोशिश

समुद्री लुटेरों पर जर्मन नौसेना की श्रेय लेने की कोशिश

अदन की खाड़ी में समुद्री लुटेरों के खिलाफ शनिवार को भारतीय नौसेना की सफल कार्रवाई का श्रेय लूटने के मामले में जर्मनी की नौसेना आगे आ गई है। जर्मन सरकार की आेर से जारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है...

 समुद्री लुटेरों पर जर्मन नौसेना की श्रेय लेने की कोशिश
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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अदन की खाड़ी में समुद्री लुटेरों के खिलाफ शनिवार को भारतीय नौसेना की सफल कार्रवाई का श्रेय लूटने के मामले में जर्मनी की नौसेना आगे आ गई है। जर्मन सरकार की आेर से जारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि इथोपिया के वाणियिक पोत एमवी जाइब से उनके पोत को भी राहत की पुकार मिली थी और उनके हेलीकाप्टर ने समुद्री लुटेरों का पीछा किया था। जर्मनी ने जो समय बताया है यह वही समय था जब भारतीय नौसेना के जंगी पोत आईएनएस मैसूर को एमवी जाइब से मदद की गुहार मिली थी। जर्मनी का दावा है कि उसके हेलीकाप्टर को देखकर समुद्री लुटेरे भाग खड़े हुए थे। जर्मन सरकार के दावों पर सीधी टिप्पणी करने से बचते हुए भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि यह कोई सामूहिक कार्रवाई नहीं थी। उन्होंने कहा कि आईएनएस मैसूर के जांबाज कमांडो ने जो समुद्री लुटेरे पकड़े थे वे तो अब भी उनके ही पास हैं। जर्मनी के जंगी पोत भी अदन की खाड़ी में यूरोपीय गठबंधन द्वारा तैनात नौसैनिक बेड़े का हिस्सा हैं। इस इलाके में गश्त करने वाली अधिकतर नौसेनाएं समुद्री लुटेरों को दबोचने से परहेज करती रहीं हैं क्योंकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन लुटेरों पर मुकदमा कहां चलेगा और अगर कोई लुटेरा पकड़ लिया जाए तो उसे किसके सुपुर्द किया जाएगा। भारतीय नौसेना के लिए यह विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। पहले सोचा गया था कि इन लुटेरों को मोगादिशू में फ्रांसीसी क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा लेकिन जिबूती शासन इससे आनाकानी करता दिख रहा है। आईएनएस मैसूर पर 23 समुद्री लुटेरे शनिवार को बारह बजे से कैद हैं और पचास से अधिक घंटे बीतने के बावजूद भारतीय नौसेना के सामने अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन लुटेरों को कहां छोड़ा जाए। नौसेना के सूत्रों ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय इन लुटेरों के बारे में विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है लेकिन संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव इस बारे में काफी अस्पष्ट हैं। दूसरी आेर सोमालिया में कोई कारगर संघीय सरकार या कानूनी व्यवस्था नहीं है। स्थिति और भी टेढ़ी इस वजह से है कि पकड़े गए लुटेरों में 12 सोमालियाई और 11 यमन के लुटेरे हैं।

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