लिव इन रिलेशन पर कानून नहीं
विधि मंत्री भारद्वाज ने राज्यसभा में सोमवार को कहा कि लिव-इन-रिलेशनशिप पर कानून बनाने के लिए उनके पास किसी भी राज्य सरकार से कोई प्रस्ताव नहीं आया है। प्रश्नकाल के दौरान कई सदस्यों ने पूछा था कि क्या...
विधि मंत्री भारद्वाज ने राज्यसभा में सोमवार को कहा कि लिव-इन-रिलेशनशिप पर कानून बनाने के लिए उनके पास किसी भी राज्य सरकार से कोई प्रस्ताव नहीं आया है। प्रश्नकाल के दौरान कई सदस्यों ने पूछा था कि क्या यह सच है कि कुछ राज्यों ने लिव-इन-रिलेशनशिप से संबंधित कानून पारित किए हैं और इन्हें अनुमोदन के लिए केन्द्र के पास भेजा है। विधिमंत्री का कहना था कि राज्य सरकार ने अगर कोई प्रस्ताव भेजा होगा, तो गृहमंत्रालय के पास गया होगा और उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है। अगर महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा कोई प्रस्ताव भेजा है तो लगता है कि उनकी सोच काफी आधुनिक है, क्योंकि देश में लिव-इन-रिलेशनशिप प्रचलित नहीं है। गुजरात में अवश्य मैत्री करार सुना गया है। न्यायाधीश मलीमथ कमेटी की सिफारिशों के बार में उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से आपराधिक कानून में सुधार के बार में था। हमार देश में घरलू िहसा का कानून पारित हो गया है जिसका उद्देश्य महिलाओं को हिंसा से बचाना है। उनका कहना था कि घरलू हिंसा कानून में भविष्य में अगर जरूरत पड़ी तो संशोधन किया जा सकता है और उसे लिव इन रिलेशन पर भी लागू किया जा सकता है।