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भट्टा पारसौल कांडः पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगा रेप का केस

उत्तर प्रदेश में राजनीति का अखाड़ा बने भट्टा पारसौल गांव के मामले में नया मोड़ आ गया है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ के संसद में दिये बयान के विपरीत अनुसूचित जाति आयोग ने सात पीड़ित...

भट्टा पारसौल कांडः पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगा रेप का केस
एजेंसीSun, 21 Aug 2011 11:26 AM
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उत्तर प्रदेश में राजनीति का अखाड़ा बने भट्टा पारसौल गांव के मामले में नया मोड़ आ गया है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ के संसद में दिये बयान के विपरीत अनुसूचित जाति आयोग ने सात पीड़ित महिलाओं के हलफनामे और बयानों के आधार पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करने के लिए कहा है।

एससी आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने बताया कि भट्टा पारसौल की सात महिलाओं ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके साथ बलात्कार हुआ था। आयोग ने नोएडा के एसएसपी को आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि आयोग ने 18 अगस्त को इस संबंध में पत्र जारी करके तीन अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि इस साल मई में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़पों के दौरान पुलिसकर्मियों ने भट्टा पारसौल गांव की महिलाओं से बलात्कार किया था, लेकिन तीरथ ने संसद में दिये बयान में कहा कि इन गांवों में महिलाओं के साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई।

पुनिया ने कहा कि सात महिलाओं ने मई में हलफनामे में बयान दिया था कि उनके साथ बलात्कार हुआ। आयोग ने चिट्ठी भेजकर उन्हें बुलाया था और 17 अगस्त को उन्होंने पूरी बात बताई और बयान की पुष्टि की कि उनके साथ बलात्कार हुआ था।

पुनिया ने कहा कि लता प्रिय कुमार (आयोग सदस्य) यह पूरा मामला संभाल रही हैं। आयोग ने नोएडा एसएसपी से साथ ही कहा है कि इस मामले की जांच महिला पुलिस अधिकारी करे। बाराबंकी से सांसद इस कांग्रेसी नेता ने कहा कि पुलिसकर्मियों की पहचान नहीं हुई है लेकिन पीड़ित महिलाओं का कहना है कि वे आरोपियों को पहचान सकती हैं।

उधर, नोएडा के एसएसपी ज्योति नारायण ने एससी आयोग से इस संबंध में पत्र मिलने की पुष्टि की और कहा कि शिकायतकर्ताओं से मिलने और मामले की जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है।

गौरतलब है कि तीरथ ने 12 अगस्त को संसद में एक लिखित जवाब में कहा था, राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा गठित एक जांच समिति ने 12 मई को भट्टा पारसौल गांव का दौरा किया था और जांच समिति द्वारा बलात्कार के मामले की पुष्टि नहीं हुई।

यह पूछे जाने पर कि तीरथ ने संसद में भट्टा पारसौल में बलात्कार की पुष्टि नहीं होने की बात कही है, पुनिया ने कहा, हम नहीं जानते कि उनकी रिपोर्ट में क्या है। हमारे पास जो हलफनामे हैं हम उनके मुताबिक कदम उठा रहे हैं। इससे पहले मई में भूमि अधिग्रहण को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़पों के बाद ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल का दौरा करने वाले राहुल गांधी के इस बयान से राजनीतिक भूचाल आ गया था कि इन गांवों की महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ और लोगों को जिंदा जलाया गया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने हालांकि इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। इसके अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी इन गांवों में बलात्कार की घटना को खारिज किया था और यूपी सरकार को क्लीन चिट दी थी।

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