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हर बड़ी कंपनी के लिए जरूरी है कंपनी सेक्रेटरी

कंपनी सेक्रेटरी ट्रेनिंग का करियर निर्माण की दृष्टि से क्या स्कोप है? प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के किस प्रकार के अवसर हो सकते हैं? इस कोर्स में कितना खर्च आ जाता...

हर बड़ी कंपनी के लिए जरूरी है कंपनी सेक्रेटरी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 09 Aug 2011 12:09 PM
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कंपनी सेक्रेटरी ट्रेनिंग का करियर निर्माण की दृष्टि से क्या स्कोप है? प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के किस प्रकार के अवसर हो सकते हैं? इस कोर्स में कितना खर्च आ जाता है?                   
विकास कुमार,पटना

देश में 50 लाख से ऊपर की पेडअप कैपिटल वाली प्रत्येक कम्पनी को कंपनी लॉ के मुताबिक एक फुल टाइम कंपनी सेक्रेटरी को एपॉइंट करना जरूरी है। इसी तथ्य से कंपनी सेक्रेटरी के प्रोफेशन के महत्त्व को भली-भांति समझा जा सकता है। इनका दायित्व कंपनी के प्रबंधन को कंपनी लॉ के बारे में जानकारियां देते हुए उनका पालन करवाना होता है। इतना ही नहीं, कंपनी के फाइनेंस, अकाउंट्स और लीगल डिपार्टमेंट के समन्वयन की जिम्मेदारी भी इन्हें निभानी पड़ती है। सैलरी और सुविधाओं की दृष्टि से इनका महत्त्व किसी भी कंपनी में शीर्ष स्तर का होता है।

जहां तक कोर्स पर होने वाले खर्चे की बात है तो यहां बता दें कि देश में सिर्फ आईसीएसआई द्वारा ही इस ट्रेनिंग का आयोजन किया जाता है। नॉन फॉर्मल प्रणाली से संचालित होने वाले इस कोर्स की फीस अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज की तुलना में अत्यंत कम है। अधिक जानकारी के लिए संस्थान की वेबसाइट www.icsi.edu देख सकते हैं।

कृपया बताएं कि टॉफेल और जीआरई एग्जाम की तैयारी कैसे करनी चाहिए?
अमित कुमार, बरेली

टॉफेल यानी टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज फॉरेन लैंग्वेज के स्कोर का महत्त्व खासतौर से विदेशी संस्थानों में एडमिशन प्रक्रिया के क्रम में है। वे संस्थान इसी टेस्ट के स्कोर से यह सुनिश्चित करते हैं कि आवेदक की अंग्रेजी का स्तर क्या है।

इंग्लिश की जानकारी इसलिए जरूरी हो जाती है, क्योंकि बाहरी संस्थानों में शिक्षा का माध्यम प्राय: अंग्रेजी होता है। तमाम प्राइवेट संस्थान इस प्रकार की तैयारी करवाते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन भी ट्रेनिंग का प्रावधान है। अधिक जानकारी के लिए यूएसईएफ आई, फुलब्राइट हाउस, 12, हेली रोड, नयी दिल्ली -110001 से भी संपर्क कर सकते हैं या वेबसाइट www.usefi-india.org को देख सकते हैं। इसी प्रकार जीआरई के बारे में भी यहां से अधिकृत जानकारियां मिल सकती हैं।

बीकॉम करने के बाद एक कंपनी में जॉब कर रहा हूं। मुझे बेहतर भविष्य के लिए एमबीए करना चहिये या बीएड?
अरुण आदि

एमबीए की चयन परीक्षा के लिए आपके ग्रेजुएशन में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने जरूरी हैं। अगर नहीं हैं तो आप पीजी डिप्लोमा इन मैनेजमेंट/मार्केटिंग के बारे में सोच सकते हैं। बीएड तो बिलकुल नया क्षेत्र हो जाएगा, जो शायद अब करना सही नहीं होगा। अपनी कॉमर्स की शैक्षिक योग्यता और  साथ में कार्य अनुभव का फायदा उठाते हुए आप एमबीए/ पीजी डिप्लोमा के बारे में विचार कर सकते हैं।

बीकॉम कर चुका हूं, लेकिन एक आंख से दृष्टि बाधित है। कृपया बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?

हो सके तो आप कोई रोजगारोन्मुख ट्रेनिंग हासिल करें, जिसमें कंप्यूटर, एनिमेशन, ग्राफिक्स अथवा अकाउंट्स, सॉफ्टवेयर या अपनी रुचि के अनुसार कोई अन्य कोर्स भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप यह भी पता लगाएं कि क्या एक आंख से दृष्टि बाधित होने पर सरकारी जॉब में कोई रिजर्वेशन मिल सकता है?इन सबके अलावा कोई स्वरोजगार शुरू करने के बारे में भी आप सोच सकते हैं।

एन्वायरमेंट इंजीनियरिंग का क्या स्कोप है? इसके बाद कौन सा कोर्स किया जा सकता है?
आशीष वर्मा

विश्व भर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति तेजी से जागरुकता बढ़ रही है और यही कारण है कि तमाम तरह के पर्यावरण संरक्षण कानून लागू किये जा रहे हैं, ताकि इस प्रकार के नुकसान को सख्ती से रोका जा सके।
इस तरह के नियमों और कानूनों को लागू करवाने के लिए न सिर्फ ऐसे जानकार और ट्रेंड लोगों की नियुक्तियां सरकारी विभागों में हो रही हैं, बल्कि इंडस्ट्री के स्तर पर भी नियुक्तियां हो रही हैं। तो आने वाले समय में ऐसे जानकार लोगों की मांग बढ़ने की पूरी उम्मीद है।

आपके लिए बीटेक के बाद इस क्षेत्र में एमटेक या कोई अन्य पीजी डिप्लोमा कोर्स फायदेमंद हो सकता है।

अगर अपनी शिक्षा और करियर को लेकर आपके जेहन में भी कोई सवाल है तो लिख भेजें-सलाह, नई दिशाएं, हिन्दुस्तान, 18-20 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नयी दिल्ली-110001 या मेल करें-
naidishayen@hindustantimes.com

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