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रेलवे कर रहा है उच्च श्रेणी के किराये की समीक्षा

वित्तीय स्थिति सुधारने के लिये भाड़े तथा यात्री किराये को युक्तिसंगत बनाने की देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की सिफारिशों के बाद रेल मंत्रालय वातानुकूलित श्रेणी के किराये में वृद्धि पर...

रेलवे कर रहा है उच्च श्रेणी के किराये की समीक्षा
एजेंसीSun, 07 Aug 2011 11:32 AM
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वित्तीय स्थिति सुधारने के लिये भाड़े तथा यात्री किराये को युक्तिसंगत बनाने की देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की सिफारिशों के बाद रेल मंत्रालय वातानुकूलित श्रेणी के किराये में वृद्धि पर विचार कर रहा है।

इस बारे में संकेत देते हुए रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में जो भी बातें कही गयी हैं, उस पर विचार किया जाएगा। बहरहाल, उन्होंने कहा कि भाड़े में संशोधन करते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि सामान्य श्रेणी इससे प्रभावित नहीं हो जिसमें गरीब लोग यात्रा करते हैं। उनकी स्थिति को ध्यान में रखा जाएगा।

मंत्री ने यह भी कहा कि जो भी और जब भी नीतिगत मामला (किराये में वृद्धि) होगा उसे सबसे पहले संसद के सामने रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि योजना आयोग तथा अन्य तबकों की निरंतर मांग के बावजूद पिछले आठ साल से यात्री किराये में वृद्धि नहीं की गयी है।

हाल ही में रेलवे के कर्मचारी संगठनों ने विभाग की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए भाड़े में वृद्धि का पक्ष लिया है। रेलवे पर कैग की रिपोर्ट को पिछले शुक्रवार को संसद में रखा गया था। इसमें रेलवे की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिये माल तथा यात्री भाड़े को युक्तिसंगत बनाने की सिफारिश की गयी है।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि यात्री सेवा तथा अन्य कोच सेवाओं से रेलवे परिचालन लागत निकालने में विफल रहा है। इसके कारण यात्री सेवा तथा कोच सेवाओं के परिचालन पर रेलवे को 2008-09 में 15,268.41 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ, जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में नुकसान 7,493.50 करोड़ रुपए था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एसी चेयर कार तथा एसी थ्री टियर को छोड़कर सभी श्रेणी की यात्री सेवाओं में रेलवे को नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रेलवे का राजस्व अधिशेष 2007-08 में 13,431 करोड़ रुपए से घटकर 2009-10 में मात्र 75 लाख रुपए रह गया।

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