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राज्य में 40 फीसदी लाल कार्ड फरचाी!

झारखंड के विभिन्न जिलों में आज भी 40 प्रतिशत लाल कार्ड फर्ाी हैं। इनकी संख्या लगभग 5.7लाख है। राज्य सरकार तकरीबन हर बैठक में अधिकारियों को फर्ाी लाल कार्ड छांटने का आदेश देती है। अधिकारी छांटने का...

 राज्य में 40 फीसदी लाल कार्ड फरचाी!
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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झारखंड के विभिन्न जिलों में आज भी 40 प्रतिशत लाल कार्ड फर्ाी हैं। इनकी संख्या लगभग 5.7लाख है। राज्य सरकार तकरीबन हर बैठक में अधिकारियों को फर्ाी लाल कार्ड छांटने का आदेश देती है। अधिकारी छांटने का आश्वासन भी देते हैं, लेकिन फर्ाी लाल कार्डो की संख्या घटने का नाम ही नहीं ले रही।ड्ढr राज्य में बीपीएल कार्डो (परिवार) की कुल संख्या 24.लाख है। इसमें से 10.47 लाख परिवार को पहले ही अंत्योदय योजना में शामिल कर लिया गया है। शेष बचे 14.46 लाख परिवारों का नाम आज भी बीपीएल सूची में दर्ज है। राज्य सरकार अपने खर्चे पर इन्हें अंत्योदय योजना की तरह दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल देती है। इस पर राज्य सरकार को लगभग हर माह 15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ रहा है। इसके बावजूद योजना का लाभ वास्तविक गरीबों को नहीं मिल रहा है।ड्ढr सरकार द्वारा जारी अनुदान राशि के लगभग 40 प्रतिशत का हर माह बंदरबांट हो जाता है। सरकार चाहकर भी इसे रोकने में सफल नहीं हो पा रही। विभागीय अधिकारी फर्ाी राशन कार्ड के पीछे यह तर्क देते हैं कि वर्ष 1में ग्राम सभा और पंचायत स्तर बीपीएल सूची बनायी गयी थी। उस वक्त दबंग लोगों ने राशन के अलावा अन्य सुविधाओं के लिए कार्ड बनवा लिया था। यही कारण है कि फर्ाी कार्ड का लाभ कालाबाजारियों को मिल रहा है।ड्ढr कार्ड छांटने का आदेश दिया गया है : सचिवड्ढr खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामला विभाग के सचिव बीके त्रिपाठी ने कहा कि 28 अप्रैल की बैठक में राज्यपाल के सलाहकार टीपी सिन्हा ने एक माह के भीतर फर्ाी राशन कार्ड को छांटने का निर्देश दिया है। उन्होंने फर्ाी राशन कार्ड पर उठाव करनेवालेरखनेवाले डीलरों को जेल भेजने का भी निर्देश दिया है।ता है बशर्तेसभी कार्डो को रद्द कर नये सिर से कार्ड बनाये जायेंड्ढr शहर के स्लम और ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों को चिह्नित किया जायेड्ढr नयी सूची का निर्माण पंचायत या ग्राम सभा के बदले किसी अन्य एजेंसी से कराया जायें

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