सिब्बल के क्षेत्र में जनमत संग्रह करेंगे अन्ना
लोकपाल के मुद्दे पर जनता की ओर से सरकार पर दबाव बनाने की जाहिरा कोशिश के तहत गांधीवादी अन्ना हजारे पक्ष गुरुवार से केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के दिल्ली स्थित संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में जनमत संग्रह...
लोकपाल के मुद्दे पर जनता की ओर से सरकार पर दबाव बनाने की जाहिरा कोशिश के तहत गांधीवादी अन्ना हजारे पक्ष गुरुवार से केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के दिल्ली स्थित संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में जनमत संग्रह करने की कवायद शुरू करेगा।
चार दिन चलने वाली इस कवायद में जनता से सीधे सवाल किया जाएगा कि लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिए वह संसद से क्या अपेक्षा रखती है।
हजारे पक्ष ने पिछले दिनों मुंबई में इस तरह का जनमत संग्रह जुटाने की कोशिश की थी जिसमें एक लाख लोगों से रायशुमारी की गई थी। मुंबई में हुए इस सर्वेक्षण के नतीजों से पता चला कि करीब 95 फीसदी लोग हजारे पक्ष के जनलोकपाल विधेयक का समर्थन करते हैं।
इन्हीं नतीजों से उत्साहित होकर हजारे पक्ष ने सिब्बल के दिल्ली स्थित चांदनी चौक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में रायशुमारी कराने का फैसला किया है।
सिब्बल के ही निर्वाचन क्षेत्र को क्यों चुना गया, इस बारे में पूछे जाने पर हजारे के साथी कार्यकर्ता अरविंकद केजरीवाल ने बताया कि हम लोकपाल मसौदा समिति में सिब्बल को ही सरकार का चेहरा मानते हैं। यही कारण है कि हमने उनके निर्वाचन क्षेत्र को जनमत संग्रह के लिए चुना।
केजरीवाल के अनुसार, इस जनमत संग्रह के लिए हजारे का आंदोलन इंडिया अगेन्स्ट करप्शन तीन हजार स्वयंसेवियों की मदद लेगा। उन्होंने कहा कि इस निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 14 लाख है। हमने सात लाख लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। यानी इस निर्वाचन क्षेत्र के हर दूसरे मतदाता से लोकपाल के मुद्दे पर राय जानने की कोशिश की जाएगी।
इंडिया अगेन्स्ट करप्शन ने लोकपाल विधेयक के हजारे पक्ष के मसौदे के बारे में जनमत जानने के लिए जो प्रश्नावली तैयार की है, उसमें आठ मूल सवाल और उनसे जुड़े विभिन्न उपप्रश्न हैं। इन प्रश्नों में जनता से पूछा जाएगा कि क्या वे संसद के भीतर सांसदों के आचरण, प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को प्रस्तावित लोकपाल के दायरे में लाने के पक्ष में हैं।
महत्वपूर्ण रूप से, इस प्रश्नावली में जनता से पूछा जाएगा कि लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिए उनकी संसद से क्या अपेक्षा है क्या विभिन्न दलों को अपने पार्टी आलाकमान के निर्देशों के अनुसार विधेयक पर मतदान करना चाहिए या फिर संसद सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता के विचारों के अनुरूप विधेयक पर वोट डालना चाहिए।
केजरीवाल बताते हैं कि जनमत संग्रह के लिए क्षेत्र के मतदाताओं को पहले दो दिन में प्रश्नावली वितरित की जाएगी। इसके बाद उन्हें शेष दो दिनों में इकट्ठा किया जाएगा ताकि जनता को अपनी राय देने के लिए वक्त मिल सके।
उन्होंने कहा कि अगर इस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की अधिकतर जनता कहती है कि वह हजारे पक्ष के जनलोकपाल विधेयक के समर्थन में है तो हम सिब्बल से सवाल करेंगे कि वह अपनी पार्टी के रुख को अपनाएंगे या अपने मतदाताओं के विचारों को स्वीकार करेंगे।
जनता के बीच वितरित होने वाली इस प्रश्नावली के अन्य सवाल विभिन्न सरकारी विभागों में कार्य पूरे करने की समय-सीमा बताते घोषणा-पत्र, प्रस्तावित लोकपाल के दायरे में आने वाले अधिकारियों, भ्रष्टाचार के दोषी अधिकारियों के लिए दंड, केंद्र में लोकपाल के साथ ही राज्यों में लोकायुक्त के गठन और भ्रष्टाचार के दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने से संबंधित हैं।