ट्रैफिक सिग्नल के रूप में टैगोर के गीतों का इस्तेमाल!
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार राजधानी कोलकाता का काया-पलट करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। कोलकाता को लंदन जैसा बनाने की कोशिश की जा रही है। अब घोषणा की गई है कि ट्रैफिक सिग्नल के रूप में...
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार राजधानी कोलकाता का काया-पलट करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। कोलकाता को लंदन जैसा बनाने की कोशिश की जा रही है। अब घोषणा की गई है कि ट्रैफिक सिग्नल के रूप में राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर के गीतों के इस्तेमाल की योजना है।
गायकों और बुद्धिजीवियों ने सरकार की इस योजना की प्रशंसा की है लेकिन मुख्य विपक्षी दल वाममोर्चे ने इसकी आलोचना की है। सरकार ने पिछले सप्ताहांत में दो मुख्य मार्गों राज्य सचिवालय रायटर्स बिल्डिंग व राज्य विधानसभा के नजदीक टैगोर के गीतों के इस्तेमाल की पायलट परियोजना शुरू की थी। इसके बाद इसे अन्य क्षेत्रों में लागू किया जाएगा।
ये गीत सिग्नल्स के साथ जुड़े लाउडस्पीकर्स पर बजाए जाएंगे। चौराहों पर लाल बत्ती के दौरान ये गीत बजाए जाएंगे। यह योजना अक्टूबर में होने वाले दुर्गा पूजा के त्योहार से पहले शहर के सौंदर्यीकरण की 10 लाख रुपए की परियोजना का ही हिस्सा है। आगे के चरणों में अन्य चौराहों पर भी इसे लागू किया जाएगा।
वैसे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य व वाममोर्चे के अध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने इसे हास्यास्पद बताया है। सलीम ने कहा, ''ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस जन्म से ही बेहद हिंसक पार्टी रही है। उन्होंने बीते वर्षों के दौरान इतनी हिंसा और अत्याचार किए हैं कि उन्हें ढकने के लिए अब उन्हें टैगोर की जरूरत पड़ रही है ताकि लोग उन दिनों को भूल जाएं।'' वाममोर्चे की सहयोगी रिवोल्यूशनरी सोशियलिस्ट पार्टी (आरएसपी) ने इस शुरुआत को रवींद्र संगीत को महत्वहीन बनाना बताया है।