डीएनए सैंपल से बच रहे हैं तिवारी, कोर्ट की लताड़
एक युवक द्वारा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी को अपना जैविक पिता बताए जाने संबंधी दावों की सत्यता की पुष्टि के लिए तिवारी के अपने खून का नमूना देने पर अनिच्छा जताए जाने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने...
एक युवक द्वारा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी को अपना जैविक पिता बताए जाने संबंधी दावों की सत्यता की पुष्टि के लिए तिवारी के अपने खून का नमूना देने पर अनिच्छा जताए जाने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।
न्यायालय ने तिवारी से कहा है कि वह सोमवार तक इस बारे में स्पष्टीकरण दें कि डीएनए जांच के लिए खून का नमूना देने संबंधी अदालती आदेश का पालन करने को लेकर वह अनिच्छुक क्यों हैं।
न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने तिवारी के वकील से पूछा कि अपने मुवक्किल से इस बारे में पूछें कि डीएनए जांच के लिए अगले सोमवार तक अपने खून का नमूना देने संबंधी अदालती आदेश का पालन करने के लिए वह अनिच्छुक क्यों हैं। मित्तल ने कहा कि तिवारी को इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती कि वह अदालत के आदेश का पालन नहीं करें।
उन्होंने कहा हम आपको अदालती आदेश का पालन नहीं करने की अनुमति नहीं देंगे। आपको इस बात की अनुमति नहीं होगी कि आप इस तरीके से अदालत के आदेश की उपेक्षा करें। डीएनए जांच का निर्णय बाद में लिया जा सकता है, लेकिन महत्वपूर्ण सबूतों के नष्ट होने से पहले आप सबसे पहले अपने खून का नमूना उपलब्ध कराइए।
गौरतलब है कि रोहित शेखर नामक एक शख्स का दावा है कि तिवारी उसके जैविक पिता हैं। डीएनए जांच द्वारा इसकी पुष्टि के लिए अदालत ने तिवारी को अपने खून का नमूना देने का आदेश दिया था, लेकिन तिवारी के खून का नमूना दिए जाने से मना करने के बाद शेखर ने अदालत में दो आवेदन दाखिल किए हैं और इसी पर सुनवाई हो रही है।
तिवारी ने यह दावा करते हुए खून का नमूना देने से इनकार किया था कि इस तरह से किसी पर भी साक्ष्य देने का दबाव नहीं बनाया जा सकता है। शेखर ने इसके विरोध में अदालत में आवेदन दाखिल किया है ताकि तिवारी के खिलाफ अदालत की अवमानना संबंधी मामला चलाया जा सके।