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भाजपा ने नहीं खोले पत्ते

सरकार की ओर से लोकपाल विधेयक पर रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी भाजपा ने प्रधानमंत्री को प्रस्तावित भ्रष्टाचार निरोधक जांच निकाय के दायरे में लाने के बारे में अपने पत्ते नहीं खोले। उसने कहा...

भाजपा ने नहीं खोले पत्ते
एजेंसीSun, 03 Jul 2011 08:19 PM
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सरकार की ओर से लोकपाल विधेयक पर रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी भाजपा ने प्रधानमंत्री को प्रस्तावित भ्रष्टाचार निरोधक जांच निकाय के दायरे में लाने के बारे में अपने पत्ते नहीं खोले। उसने कहा कि सरकार इस विधेयक को संसद के मानसून सत्र में पेश कर उसे स्थायी समिति को भेजे और फिर उसे दोबारा शीतकालीन सत्र में पारित कराए।

बैठक के बाद लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा चाहती है कि सरकार संसद के मानसून सत्र में सभी स्थापित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए मजबूत और प्रभावी लोकपाल विधेयक लाए।

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने के पक्ष में है, सुषमा ने कहा, हम विधेयक को संसद में पेश किए जाने के बाद संसद की स्थायी समिति में इस पर होने वाली चर्चा में अपना पक्ष रखेंगे।

उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक को लेकर सरकार से हमारे कई विषयों पर मतभेद हैं। लेकिन आज की बैठक में हमने उनका खुलासा नहीं किया। हम संसद में विधेयक पेश किए जाने के समय और बाद में संसद की स्थायी समिति के समक्ष अपने विचार रखेंगे।

सुषमा ने बताया कि विधेयक के प्रावधानों पर हमने कोई चर्चा नहीं की। लेकिन सरकार इसका मतलब यह नहीं लगाए कि विधेयक के मसौदे का जो वर्तमान स्वरूप है, उसे ही वह विधेयक के रूप में संसद में पेश कर दे। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि सरकार इससे बेहतर विधेयक संसद में पेश करे। 

लोकसभा में विपक्ष की नेता ने कहा कि हमने सरकार से कहा है कि हमें एक ऐसा लोकपाल चाहिए जो पारदर्शी ढंग से चुना जाए और निष्पक्ष तरीके से काम करे। उन्होंने कहा कि हमारी राय है कि लोकपाल विधेयक को संसद में पेश किए जाने के बाद स्थायी समिति के पास भेजा जाए ताकि विभिन्न राजनीतिक दल, राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उसके बारे में अपनी राय दे सकें।

सुषमा स्वराज ने कहा कि इसके बाद विधेयक को स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर तैयार कर संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाए।

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