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बांग्लादेश में आतंकवाद चिंता का विषय: यूएस

अमेरिका का मानना है कि बांग्लादेश में इस्लामी आतंकवाद गंभीर चिंता का विषय है। बांग्लादेश में अमेरिका के राजूदत जेम्स एफ मोरियार्टी ने संवाददताआें से कहा कि बांग्लादेश में भोला जिले में हाल में बरामद...

 बांग्लादेश में आतंकवाद चिंता का विषय: यूएस
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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अमेरिका का मानना है कि बांग्लादेश में इस्लामी आतंकवाद गंभीर चिंता का विषय है। बांग्लादेश में अमेरिका के राजूदत जेम्स एफ मोरियार्टी ने संवाददताआें से कहा कि बांग्लादेश में भोला जिले में हाल में बरामद हथियारों का जखीरा तथा देश के अलग-अलग हिस्सों में जमाते उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के आतंकवादियों की जारी गिरफ्तारियों से यह स्पष्ट है कि आतंकवाद देश के लिए एक चिंता का विषय है। मोरियार्टी का यह बयान बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश को आतंकवादियों से कोई खतरा नहीं है, क्यांेकि बांग्लादेश में कोई सक्रिय इस्लामी आतंकवादी आतंकवादी नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2001-2006 के दौरान सत्ता में रहते हुए सभी सक्रिय आतंकवादी संगठनों का सफाया कर दिया था। वहीं प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गत शुक्रवार को दिए गए अपने बयान में देश की पूर्ववर्ती सरकार पर आतंकवादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए थे। ज्ञातव्य है कि सुरक्षा बलों ने इस वर्ष मार्च महीने में राजधानी ढाका से 350 किलोमीटर दक्षिण स्थित भोला जिले में एक मदरसे पर की गई कार्रवाई में चार आतंकवादियों को गिरफ्तार करने के साथ ही हथियारों का एक जखीरा बरामद किया था। उसके बाद पूरे देश में चलाई गई छापे की कार्रवाई में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बारमद करने के अलावा करीब 200 इस्लामी आतंकवादी हिरासत में लिए गए थे। छापे की यह कार्रवाई सरकार की इस आशंका के बाद की गई कि देश के अर्धसैनिक बल बांग्लादेश राइफल्स के ढाका स्थित मुख्यालय में हुए विद्रोह में इस्लामी आतंकवादियों का हाथ था। इस वर्ष 25 और 26 फरवरी को हुए इस विद्रोह में कम से कम 80 लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों में अधिकतर सेना के अधिकारी थे। उल्लेखनीय है कि आतंकवादी संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश देश को शरीयत आधारित इस्लामी देश में तब्दील करना चाहता है। इसके आतंकवादियों द्वारा वर्ष 2005 में किए गए श्रंखलाबद्ध बम विस्फोट में 30 लोग मारे गए थे और करीब 150 घायल हो गए थे। वर्ष 2007 में जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के छह शीर्ष कमांडरों क ो फांसी देने के बाद इस्लामी आतंकी शांत हैं, लेकिन गुप्तचर रिपोर्ट के अनुसार यह संगठन फिर से संगठित हो रहा है और फिर से कभी भी हमला कर सकता है।

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