मम्मी-पापा संग सैर-सपाटा, चलो...पुरानी इमारतों को नजदीक से जानें
इस हफ्ते कुछ नया करते हैं। पूछोगे नहीं, क्या करने वाले हैं? अरे, इस बार हम अपने आसपास की किसी पुरानी इमारत में मम्मी-पापा के साथ जाने का प्लान बनाते हैं। आप जिस भी एरिया में रहते हो, वहां कोई न कोई...
इस हफ्ते कुछ नया करते हैं। पूछोगे नहीं, क्या करने वाले हैं? अरे, इस बार हम अपने आसपास की किसी पुरानी इमारत में मम्मी-पापा के साथ जाने का प्लान बनाते हैं। आप जिस भी एरिया में रहते हो, वहां कोई न कोई पुरानी इमारत जरूर होगी। लेकिन ध्यान रहे किसी का पुराना-ढहता-गिरता घर नहीं, बल्कि वैसी इमारत की बात कर रहे हैं, जिसका अपना इतिहास हो। वो किसी के नाम पर बनाया गया हो। दिल्ली में लाल किला, पुराना किला, दिल्ली गेट, तुगलकाबाद का किला, हुमायूं का मकबरा जैसी इमारतों को इसमें शामिल कर सकते हैं।
हम क्यों इन पुरानी इमारतों के बारे में बातें कर रहे हैं? क्योंकि इनको बने हजारों साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी ये ज्यों की त्यों खड़ी हैं। तुम वहां जाकर यह पता लगा सकते हो कि उन्हें बनाने में किन चीजों का इस्तेमाल किया जाता था कि वे आज भी इतनी मजबूत हैं। साथ ही घूमने का मजा भी आएगा।
किसी भी पुरानी इमारत देखने जाओ तो साथ में नोटबुक या कैमरा जरूर ले जाना। लेकिन ध्यान रहे, कहीं-कहीं फोटो खींचना मना होता है। तुम्हें इसका ध्यान रखना है। ऐसी जगहों पर कई शिलालेख और नोटिस बोर्ड लगे मिलेंगे, जिन्हें जरूर पढ़ना और अगर परमिशन हो तो उनकी फोटो खींच कर लाना। इससे तुम्हें पता चलेगा कि इसे किसने, कब, क्यों, कितने समय में बनवाया। उस जगह को पहले किस नाम से जाना जाता था और वहां कौन-कौन रहा? इन जगहों की खास बात होती है कि हम यहां की बनावटों, मेहराबों, दीवारों और छतों पर बनी आकृतियों, चित्रकारियों और कलाकृतियों को जान पाते हैं। अगर उस समय तुम्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है तो उस क्वेश्चन को नोट कर लेना और जब स्कूल खुल जाएंगे तो मैडम से पूछना। साथ ही उस जगह के बारे में सुंदर रिपोर्ट तैयार करो। उसमें उससे रिलेटिड फोटोज भी लगाओ। इसे स्कूल या एरिया के नोटिस बोर्ड पर लगा सकते हो।