पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण
भारत ने गुरुवार को बालेश्वर के निकट स्थित चांदीपुर समेकित परीक्षण रेंज से परमाणु सामग्री ले जाने में सक्षम स्वदेश निर्मित पृथ्वी-2 बैलास्टिक मिसाइल का प्रायोगिक परीक्षण किया। यह प्रायोगिक परीक्षण,...
भारत ने गुरुवार को बालेश्वर के निकट स्थित चांदीपुर समेकित परीक्षण रेंज से परमाणु सामग्री ले जाने में सक्षम स्वदेश निर्मित पृथ्वी-2 बैलास्टिक मिसाइल का प्रायोगिक परीक्षण किया। यह प्रायोगिक परीक्षण, थलसेना के प्रयोग के लिए किया गया है।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि एक सचल प्रक्षेपक पर स्थापित मिसाइल को सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर प्रक्षेपण परिसर-3 से दागा गया। इस मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता 350 किलोमीटर की है। यह पांच सौ से एक हजार किलोग्राम वजन का आयुध ले जाने में सक्षम है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने कहा कि पृथ्वी-2 मिसाइल ने पूर्व में हो चुके कई परीक्षणों के दौरान अपनी मजबूती और सटीकता को साबित कर दिया है। थलसेना द्वारा बतौर उपयोगकर्ता पूर्व में किए गए परीक्षणों के दौरान प्राप्त नियमित परिणामों के साथ ही यह मिसाइल उस सटीकता पर पहुंच चुकी है जहां कोई चूक होने की आशंका नहीं के बराबर होती है।
इस मिसाइल में किसी भी एंटी-बैलास्टिक मिसाइल को झांसा दे कर निशाना साधने की क्षमता है। वर्ष 2008 में जब इस पर परीक्षण किया गया तब यह 483 सैकंड की अवधि में 43.5 किलोमीटर की शीर्ष ऊंचाई पर पहुंचने में सक्षम रही थी।
सशस्त्र बलों के परिचालन अभ्यासों के तहत दो पृथ्वी-2 मिसाइलों को 12 अक्टूबर 2009 को कुछ ही मिनटों के अंतराल में एक-एक कर दागा गया था। इन मिसाइलों ने चांदीपुर स्थित समेकित परीक्षण रेंज से 350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दो विभिन्न लक्ष्यों को निशाना बनाया था।
इस मिसाइल का साल्वो मोड में 27 मार्च और 18 जून 2010 को चांदीपुर से परीक्षण किया गया तब इसने एक बार फिर अपनी सटीकता साबित की। यह, पृथ्वी-2 मिसाइल का आठ महीने के भीतर चौथा सफल परीक्षण था।