प्रोत्साहन पैकेचा में आयकर दरों में भी कमी की मांग
घरेलू उद्योग जगत को संकट से उबारने के लिए उद्योग जगत ने ब्याज दरों में कमी, बाजार में धन की उपलब्धता और आयकर दरों में भी कमी की मांग की है। प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के निर्देशन में तैयार हो रहा यह...
घरेलू उद्योग जगत को संकट से उबारने के लिए उद्योग जगत ने ब्याज दरों में कमी, बाजार में धन की उपलब्धता और आयकर दरों में भी कमी की मांग की है। प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के निर्देशन में तैयार हो रहा यह प्रोत्साहन पैकेा जल्द ही घोषित होने जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इन उपायों से न केवल उत्पादन, कारोबार और मुनाफा भी बढ़ेगा, इससे नई विस्तार योजनायें शुरू होंगी। फलस्वरूप रोगार भी बढ़ेगा। देश के चार प्रमुख उद्योग चैंबरों सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और पीएचडी चैंबर ने सरकार को सौंपे अपने प्रस्तावों में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में दो फीसदी की कमी के साथ ही ब्याज दरों में भी एक से दो फीसदी की कमी करने की मांग की है। इसके साथ ही कॉरपोरट और आयकर की दरों में भी तत्काल प्रभाव से कमी करने की मांग की गई है। इसके साथ ही रोगारमूलक उद्योग क्षेत्रों टेक्सटाइल, सीमेंट, टायर, कागज और ऑटो उद्योग को भी विशेष प्रोत्साहन देने की मांग की गई है। सीआईआई के मुताबिक ब्याज दरों में एक फीसदी की तुरंत कटौती को जरूरी बताया है। इसके साथ ही छोटी आय वालों के लिए हाउसिंग स्कीम संचालित करने और लघु एवं मझोले उद्योगों को वित्तीय सहायता देने के लिए 50 हाार करोड़ रुपये का फंड गठित करने की मांग की है। चैंबर ने ढांचागत क्षेत्र के वित्त पोषण के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड गठित करने और टैक्स-फ्री बांड लाने की मांग रखी है। फिक्की के अनुसार सरकार को उद्योग के लिए खास औद्योगिक गतिविधियों के लिए ब्याज दरों में दो की जगह चार फीसदी रियायत देनी चाहिये। साथ ही इसकी अवधि को बढ़ाकर मार्च 2010 तक किये जाने की जरूरत है। रिार्व बैंक को अपने मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करते हुये देश की कुछ एजेंसियों को र्का देने के लिए नामित करना चहिये। एसोचैम के मुताबिक सरकार को विभिन्न परियोजनाओं में 70 हाार करोड़ रुपये का सरकारी निवेश बढ़ाना चाहिये। साथ ही सीआरआर और ब्याज दरों में दो फीसदी की कटौती अनिवार्य है। मौजूदा संकट से उबरने के लिए कॉरपोरट टैक्स और आयकर की दरों में भी 10 फीसदी की कटौती की जानी चाहिये।