परगट की भूख हड़ताल पर जाने की धमकी
भारत के पूर्व कप्तान परगट सिंह ने हाकी को बतौर राष्ट्रीय खेल विशेष दर्जा देने की मांग करते हुए कहा है कि मौजूदा हालात में टीम का ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर पाना नामुमकिन है। उन्होंने हालात नहीं...
भारत के पूर्व कप्तान परगट सिंह ने हाकी को बतौर राष्ट्रीय खेल विशेष दर्जा देने की मांग करते हुए कहा है कि मौजूदा हालात में टीम का ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर पाना नामुमकिन है। उन्होंने हालात नहीं सुधरने पर 29 अगस्त को भूख हड़ताल पर जाने का भी ऐलान किया।
परगट ने कहा कि हाकी की दशा इस देश में फुटबाल की तरह हो गई है जिसे कभी भारतीय हाकी महासंघ, कभी हाकी इंडिया तो कभी खेल मंत्रालय किक मार रहा है। यदि यही हाल रहा तो मुझे नहीं लगता कि हम लंदन ओलंपिक 2012 के लिए क्वालीफाई कर सकेंगे।
हाकी इंडिया की विकास समिति के अध्यक्ष परगट ने कहा कि पिछले छह महीने में हालात जस के तस है और उनके किसी सुझाव पर अमल नहीं किया गया। इसके बावजूद उन्होंने पद से इस्तीफे से इनकार करते हुए कहा कि मैं व्यवस्था में रहकर ही इसे सुधार सकता हूं। जब तक मुझे बदलाव की उम्मीद दिखेगी, मैं पद पर रहूंगा।
उन्होंने खेल मंत्रालय से हाकी को राष्ट्रीय खेल के तौर पर विशेष दर्जा देने की मांग की। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों, राष्ट्रगीत, पक्षी या ध्वज की तरह हाकी को भी विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा अगले पांच साल में देश में कम से कम 500 एस्ट्रोटर्फ बिछाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध करूंगा कि हाकी से जुड़े तमाम मसलों को जल्दी निबटाया जाए। इसके अलावा लोकसभा में हाकी पर बहस का भी सांसदों से अनुरोध करूंगा।
परगट ने कहा कि इसके बावजूद सुधार नहीं हुआ तो 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस पर भूख हड़ताल पर जाने की तैयारी है। परगट ने कहा कि इस भूख हड़ताल में वे सभी ओलंपियनों और हाकीप्रेमियों से शामिल होने की दरखास्त करेंगे।
उन्होंने मीडिया से भी सेव हाकी को सेव टाइगर अभियान की तरह लोकप्रिय बनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि मीडिया की वजह से ही सेव टाइगर अभियान राष्ट्रीय मसला बन गया। इसी तरह हाकी को बचाने के लिए भी मीडिया को आगे आना चाहिए। उन्होंने क्लीनस्पोर्टसइंडिया डाट ओआरजी पर कम से कम दस लाख लोगों से हस्ताक्षर करने की अपील की जो वह खेल दिवस पर प्रधानमंत्री को सौपेंगे।