कंप्यूटर वाइरस से निपटेगी डिजिटल चींटियों की फौज
दिनोंदिन बढ़ रहे साइबर हमलों को नाकाम करने के लिए कम्प्यूटर विशेषज्ञ भले ही दिन रात लगे हों लेकिन कम्प्यूटर के वाइरस किसी न किसी तरीके से हमले का रास्ता ढूंढ ही निकालते हैं। कम्प्यूटर प्रोग्रामर अब...
दिनोंदिन बढ़ रहे साइबर हमलों को नाकाम करने के लिए कम्प्यूटर विशेषज्ञ भले ही दिन रात लगे हों लेकिन कम्प्यूटर के वाइरस किसी न किसी तरीके से हमले का रास्ता ढूंढ ही निकालते हैं।
कम्प्यूटर प्रोग्रामर अब चीटिंयों से प्रेरणा ले रहे हैं कि किस प्रकार चींटियां अपनी बस्ती की रखवाली करती हैं। जब भी कोई घुसपैठिया बस्ती में दखल देने की कोशिश करता है तो सारी चींटियां उससे निपटने के लिए एकजुट हो जाती हैं।
पैसिफिक नार्थवेस्ट नेशनल लैबोरेटरी की साझेदारी में नार्थ कैरोलिना के वेक फॉरेस्ट विश्वविद्यालय की टीम चींटियों के इस समझदारी का इस्तेमाल अपने सॉफ्टवेयर में कर रही है। टीम के अगुवा और कम्प्यूटर सांइस के प्रोफेसर इरीन फल्प अब डिजिटल चींटियों की एक फौज को कम्प्यूटर वाइरस पर टूट पड़ने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। वे कम्प्यूटर के पॉवर सप्लाई को हर हालत में बचाए रखेंगी।
यह तकनीक अगर सफल रहती है तो इसके क्रांतिकारी परिणाम होंगे और इसी वजह से सांइटफिक अमेरिकन मैग्जीन ने पिछले साल इसे उन दस तकनीकों में शामिल किया जो हमारी जिंदगी बदलने की क्षमता रखती हैं।