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कहानी पर हावी रहती है मार्केटिंग : केके

प्रबंधन में स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद अभिनय का रुख करने वाले अभिनेता केके मेनन महसूस करते हैं कि फिल्मों का दुरुपयोग होता है। उनका कहना है कि ज्यादातर फिल्मों की सामग्री उनके बेचने की...

कहानी पर हावी रहती है मार्केटिंग : केके
एजेंसीThu, 26 May 2011 05:31 PM
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प्रबंधन में स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद अभिनय का रुख करने वाले अभिनेता केके मेनन महसूस करते हैं कि फिल्मों का दुरुपयोग होता है। उनका कहना है कि ज्यादातर फिल्मों की सामग्री उनके बेचने की मार्केटिंग तरीकों में कहीं दबी रह जाती है।

केके बीते एक दशक से बॉलीवुड में हैं। उन्होंने कहा कि आज-कल फिल्मों की सामग्री पर मार्केटिंग हावी रहती है और मुझे इस पर गम्भीर आपत्ति होती है। यह मार्केटिंग के लोगों का काम है कि वे फिल्म के प्रचार-प्रसार के रचनात्मक तरीके ढूंढ़ें। केवल फिल्म में एक आइटम नंबर को जोड़ देना ही उसकी मार्केटिंग नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं मानता। यदि फिल्म की सामग्री अच्छी हो तो उसे सफलता के लिए एक आइटम नंबर की जरूरत नहीं होती।

केके कहते हैं कि इन दिनों सिनेमा का दुरुपयोग हो रहा है। इन दिनों फिल्मकार इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि एक अभिनेता के लिए किस तरह का नृत्य ज्यादा बेहतर होगा, संगीत किस तरह का होना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप फिल्म की कहानी या सामग्री को कम महत्व मिलता है।

केके ने सईद अख्तर मिर्जा की 1995 में आई फिल्म 'नसीम' से अभिनय की शुरुआत की थी लेकिन उन्हें सुधीर मिश्रा की 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' में निभाए गए किरदार से पहचान मिली। बाद में 'ब्लैक फ्राइडे' में डीसीपी राकेश मारिया के उनके किरदार ने उन्हें खूब प्रसिद्धि दिलवाई।

कई अन्य कलाकारों की तरह केके ने भी शुरुआत टेलीविजन से की थी। वह 'प्रधानमंत्री' शो और 'जेब्रा 2' व 'लास्ट ट्रेन टू महाकाली' जैसी टेलीफिल्मों में दिखे। केके ने 'कॉर्पोरेट', 'हनीमून ट्रैवल्स प्रायवेट लिमिटेड', 'सरकार' और 'लाइफ इन ए मेट्रो' जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया है।

उनकी आने वाली फिल्म 'भिंडी बाजार' है, जो 10 जून को प्रदर्शित होगी। वह सागर बल्लरी की 'भेजा फ्राई 2' में भी नजर आएंगे।

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