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हौसले थे बुलंद, जीत ली जंग

सीबीएसई के परिणामों की घोषणा के बाद स्कूलों का माहौल देखने योग्य रहा लेकिन इन सभी की तुलना में दृष्टिहीन स्कूलों का समां देखते ही बनता था। किंग्जवे कैंप में स्थित दृष्टिहीन छात्रों के सरकारी स्कूल...

हौसले थे बुलंद, जीत ली जंग
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 24 May 2011 11:09 AM
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सीबीएसई के परिणामों की घोषणा के बाद स्कूलों का माहौल देखने योग्य रहा लेकिन इन सभी की तुलना में दृष्टिहीन स्कूलों का समां देखते ही बनता था। किंग्जवे कैंप में स्थित दृष्टिहीन छात्रों के सरकारी स्कूल में छात्रों का शोरगुल और उत्साह हर तरफ खुशियां बिखेर रहा था।

इस साल अपने स्कूल में अव्वल आए ब्रजेश ने अपने सभी दोस्तों से पार्टी का वायदा किया है। मूल तौर पर बनारस के रहने वाले ब्रजेश बाहरवीं कक्षा में 87.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अपने लक्ष्य को पाने में सफल रहे हैं। ब्रजेश बताते हैं कि अपने स्कूल में अव्वल आना मेरा लक्ष्य था जिसे मैंने अपनी मेहनत और संघर्ष से पाया है। इस साल मेरी तबियत खराब होने के चलते मुझे बार-बार घर जाना पड़ता था। यही नहीं कई दिन मैं अस्पताल में भी भर्ती रहा। कई बार तो मुझे यह ऐसा भी लगता था कि शायद मैं परीक्षा दे ही नहीं पाऊंगा, पर मेरे दृढ़ संकल्प और परिवार के सहयोग से मैं यह कर पाया हूं। दिल्ली आकर पढ़ाई करना एक सपने जैसा था। आठवीं की परीक्षा के बाद अपने कुछ दोस्तों से इस स्कूल के बारे में सुना तो लगा कि शायद मैं भी अपने सपनों को पूरा कर सकता हूं। अब मैं हिस्ट्री ऑनर्स में प्रवेश लेकर शिक्षा के क्षेत्र में ही अपना करियर बनाना चाहता हूं।

घर से दूर रह रहे यह सभी छात्र एक-दूसरे को अपना सहारा मानते हैं। साथ रहने और स्कूल में पढ़ने के अलावा परीक्षा की तैयारियां भी यह छात्र एक साथ ही करते हैं। स्कूल में 84 प्रतिशत अंकों के साथ द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले नितीश कुमार शाह बताते हैं कि हम सभी की सफलता का श्रेय हमारी एकता को जाता है। स्कूल और टय़ूशन के अलावा हम सभी एक साथ पढ़ाई करते हैं। सभी विषयों पर चर्चा करते हैं। इससे चीजें आसान और दिलचस्प बन जाती हैं। यही नहीं चिंता को कम करने के लिए हम सभी क्रिकेट, शतरंज, फुटबॉल आदि खेल भी खेलते हैं। भविष्य में शिक्षक बनना चाहते नितीश कहते हैं कि शिक्षक बन कर मैं भी किसी का भविष्य संवारने में सहयोग करना चाहता हूं। इसके अलावा स्कूल में मनोज और आदर्श ने 83 प्रतिशत अंक प्राप्त कर तीसरा स्थान पाया और प्रतीक ने 80.2 प्रतिशत अंकों के साथ चौथा।

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