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कैंसर कोशिकाओं का इलाज

कैंसर पर काबू पाने के लिए ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने चुम्बकीय आधारित नई तकनीक खोज निकाली है। गत सप्ताह जारी यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की शोध रिपोर्ट के अनुसार हाइपर हार्लिया नामक इस चिकित्सा पद्धति के...

कैंसर कोशिकाओं का इलाज
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 22 May 2011 09:39 PM
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कैंसर पर काबू पाने के लिए ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने चुम्बकीय आधारित नई तकनीक खोज निकाली है। गत सप्ताह जारी यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की शोध रिपोर्ट के अनुसार हाइपर हार्लिया नामक इस चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत कैंसर प्रभावित कोशिकाओं के चारों ओर अत्यंत सूक्ष्म लौह कण (आयरन ऑक्साइड) फैला दिए जाते हैं और उसके बाद चुम्बकीय क्षेत्र पैदा कर पूरे क्षेत्र में गरमाहट पैदा की जाती है। जब यह गरमाहट चरम पर होती है तो कैंसर आवुर्द में समाई कैंसर कोशिकाएं गर्माहट से मृतप्राय हो जाती हैं और उनका विकास रुक जाता है।

शोधकर्ता डॉ़ सैम जेन्स के अनुसार जब कैंसर प्रभावित क्षेत्र में तापमान सामान्य ताप 37 ड़ि सेल्सियस से 4-6 डिग्री बढ़ जाता है यानी वह 41-43 डिग्री तक जा पहुंचता है तो कैंसर कोशिकाएं मरने लगती हैं। प्रयोगशाला स्तर पर कैंसर प्रभावित चूहों को लेकर सफल परीक्षण किए जा चुके हैं।

डॉ. सैम के अनुसार ‘बोन मेरो’ पद्धति की मदद से लौह कणों को प्रभावित कैंसर कोशिकाओं तक पहुंचना संभव हो सका है, जो गरमाहट पाकर स्थान विशेष की कोशिकाओं को ही मारते हैं और शेष स्थान अप्रभावित रहता है। इस तरह से यह चुम्बकीय ईधन (मैग्नेटिक फ्यूल) पद्धति कैंसर की अब तक की पद्धतियों कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से कहीं ज्यादा प्रभावी है। यह अभी परीक्षण के दौर में हैं, परंतु जल्द ही यह लोकप्रिय होगी।

लड़कियों में मोटापा कैंसर की जड़
यों तो आज के दौर में लड़कियां छरहरी काया की हर संभव कोशिश करती हैं, मगर जीवनशैली ने मोटापे की सौगात उनको दे डाली है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों की अध्ययनपरक रिपोर्ट बताती है कि जो लड़कियां जन्म के समय अधिक वजन की होती हैं, उनमें बड़े होने पर स्तन कैंसर की संभावना अपेक्षाकृत अधिक होती है।

अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने 5,000 महिलाओं को चुना। उन्होंने पाया कि जिन महिलाओं का जन्म के समय भार निर्धारित मापदंड से ज्यादा था, उन्हें 50 की उम्र से पहले स्तन कैंसर हुआ। रिपोर्ट के अनुसार जो लड़कियां जन्म के समय ज्यादा लम्बी होती हैं या जिनका सिर अपेक्षाकृत चौड़ा होता है, में स्तन कैंसर की संभावना अधिक रहती है। शोध पूरी तरह से सर्वेक्षण आधारित हैं, मगर वैज्ञानिक इसमें चिकित्सीय तार तलाश रहे हैं।  

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