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पांच हस्तियों की जमानत पर फैसला कल

2जी स्पेक्ट्रम मामले में आरोपी पांच प्रमुख व्यापारिक हस्तियों की जमानत याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा। इन पांचों आरोपियों में स्वान टेलीकॉम के विनोद गोयनका, यूनिटेक के संजय...

पांच हस्तियों की जमानत पर फैसला कल
एजेंसीSun, 22 May 2011 01:25 PM
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2जी स्पेक्ट्रम मामले में आरोपी पांच प्रमुख व्यापारिक हस्तियों की जमानत याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा।

इन पांचों आरोपियों में स्वान टेलीकॉम के विनोद गोयनका, यूनिटेक के संजय चंद्रा और अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन अधिकारी गौतम दोषी, हरि नायर और सुरेंद्र पिपारा शामिल हैं। पिपारा खराब स्वास्थ्य के कारण अस्पताल में हैं जबकि अन्य चारों आरोपी तिहाड़ जेल में हैं।

न्यायमूर्ति अजित भरिहोक सोमवार दोपहर बाद फैसला सुनाएंगे। न्यायालय ने आरोपियों और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की दलीलें सुनने के बाद नौ मई को इन याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया में अनिमितताओं के जरिए दूरसंचार कंपनियों को अवैध लाभ पहुंचाए जाने का आरोप है जिससे देश को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।

इस मामले में गौतम दोषी के वकील, भारत के पूर्व महान्यायवादी और महाधिवक्ता सोली सोराबजी ने कहा, ''2जी स्पेक्ट्रम मामले में दोषी के खिलाफ आरोप आधारहीन हैं और जमानत नहीं मिलना उनकी निजी स्वतंत्रता के खिलाफ है।'' चंद्रा के वकील राम जेठमलानी और केटीएस तुलसी हैं।

इस मामले में गोयनका के लिए मुकुल रोहतगी, नायर के लिए राजीव नैय्यर और पिपारा के लिए नीरज किशन कौल दलीलें पेश करेंगे। बहस के दौरान विशेष सरकारी वकील यूयू ललित ने कहा कि ''व्यापार जगत के लोग और आरोपी स्पेक्ट्रम के पूरे सौदे में प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हुए हैं और वे स्पेक्ट्रम लाइसेंस हासिल करने के लिए ए राजा के साथ साजिश रचने में शामिल रहे हैं।''

उन्होंने कहा कि व्यापार जगत के लोग इस बड़ी रकम वाले सौदे की साजिश में शामिल रहे हैं और उन्होंने लाइसेंस हासिल करने के लिए कुछ फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए। निचली अदालत द्वारा जमानत याचिकाएं खारिज किए जाने के बाद यह मामला 20 अप्रैल को हाईकोर्ट में पहुंचा था। निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र में लगाए गए 'गंभीर आरोप' और पुख्ता सबूतों के आधार पर इनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

इसके बाद आरोपियों ने एक सप्ताह की अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की ताकि वह निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकें, लेकिन उनकी यह याचिका भी खारिज हो गई। इन पांचों आरोपियों को सीबीआई ने जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया था, लेकिन निचली अदालत द्वारा 20 अप्रैल को उनकी जमानत याचिकाएं खारिज किए जाने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।

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