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ख्याल रखिये इन अनमोल आंखों का

आंखें सौंदर्य का केन्द्र हैं। आंखें ही सारे जहान की खूबसूरती से आपको अवगत कराती हैं। कंप्यूटर, टीवी, सिनेमा, अधिक रात तक जागना, पूरी नींद ना लेना, दूषित वातावरण, धुआं और दूषित गैसों के कारण हमारी...

ख्याल रखिये इन अनमोल आंखों का
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 18 May 2011 04:46 PM
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आंखें सौंदर्य का केन्द्र हैं। आंखें ही सारे जहान की खूबसूरती से आपको अवगत कराती हैं। कंप्यूटर, टीवी, सिनेमा, अधिक रात तक जागना, पूरी नींद ना लेना, दूषित वातावरण, धुआं और दूषित गैसों के कारण हमारी आंखों की रोशनी और सौंदर्य प्रभावित होता है। आइये योग गुरु सुनील सिंह से जानें कि किस प्रकार नेत्र शक्ति विकासक क्रिया करके अपनी आंखों को स्वस्थ और सुन्दर रख सकते हैं।

नेत्र शक्ति विकास की पहली क्रिया

सुखासन या फिर पद्मासन या फिर ऑफिस में कुर्सी पर आराम से बैठ जाएं और फिर बिना गर्दन को हिलाए अपनी आंखों से 10 बार दाएं देखें और फिर 10 बार बाएं देखें।

नेत्र शक्ति विकास की दूसरी क्रिया

पहली वाली क्रिया की अवस्था में अपने आपको स्थित करें। उसके बाद अपनी आंखों को क्लॉक वाइज गोल घुमाएं और फिर 10 बार एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं।

नेत्र शक्ति विकास की तीसरी क्रिया

पहली वाली क्रिया की अवस्था में अपने आपको स्थित करें। उसके बाद अपनी दोनों आंखों को नाक की टिप पर फोकस करें। बिना पलक झपकाए लगातार अपनी दोनों आंखों को अपनी नासिका के कोने पर एकाग्र करने का प्रयास करें। यदि कुछ समय बाद आंखें थकने लगें तो आंखों को बंद करें और कुछ समय बाद फिर अभ्यास करें।

नेत्र शक्ति विकास की चौथी क्रिया

पहली वाली क्रिया की अवस्था में अपने आपको स्थित करें। दोनों नेत्रों से पूर्णतया आंतरिक बल प्रदान करते हुए भूमध्य (यानी दोनों आंखों के बीच में जहां पर महिलाएं बिंदी लगाती हैं) में बिना पलक झपकाए देखते रहें। जब नेत्रों में थकावट प्रतीत हो अथवा आंसू निकले लगें तो नेत्रों को बंद करें। कुछ देर आराम करें और फिर इस क्रिया का अभ्यास करें।

नेत्र शक्ति विकास की पांचवीं क्रिया

सबसे पहली वाली क्रिया की अवस्था में अपने आपको स्थित करें और अपनी आंखों की पलकों को जल्दी-जल्दी बंद करें और खोलें। इस क्रिया का कम-से-कम 50 से 100 बार अभ्यास करें।

नेत्र शक्ति विकास की छठी क्रिया

सबसे पहली वाली क्रिया की अवस्था में अपने आपको स्थित करें और फिर अपने दाहिने हाथ को सामने की ओर फैलाएं और अंगूठे को ऊपर की ओर तानते हुए बाकी चार अंगुलियां मोड़ लें और फिर अपनी दृष्टि को अंगूठे के नाखून पर केंद्रित कर धीरे-धीरे अंगूठे को अपने नेत्रों के सामने लाएं और धीरे-धीरे अंगूठे को नेत्रों से दूर ले जाएं।  इस क्रिया का अभ्यास करते वक्त सारा ध्यान अपने अंगूठे के नाखून पर केंद्रित रहेगा।

नेत्र शक्ति विकास की सातवीं क्रिया

प्रात:काल उठकर जब हम अपने हाथ-पैर धो रहे हों तो चुल्लू में पानी भरकर अपने मुंह में भर लें और फिर अपनी आंखों पर पानी की छींटे मारें। 1 से 2 मिनट तक यह अभ्यास करें।

आंखों की रोशनी और उनकी सुंदरता को यूं रखें कायम

कंप्यूटर तथा टीवी को एकटक देखते हुए बार-बार पलकें झपकें।
सूर्य की तेज किरणों से अपनी आंखों को बचाएं।
पौष्टिक भोजन, सब्जियां, दूध, फल पर्याप्त मात्र में लें।
आंखों को रात में भिगोए त्रिफला चूर्ण के पानी को छानकर उससे सुबह नेत्रों को धोएं।
चलती ट्रेन या फिर चलती बस में तथा कम रोशनी में किताब ना पढ़ें।
रोज रात सोने से पहले अपनी दोनों आंखों में गुलाब जल की दो-दो बूंदें डालें।
आंसुओं को जबरदस्ती ना रोकें। इससे आंखों की मांसपेशियों पर असर पड़ता है।
अच्छे सौंदर्य प्रसाधन का उपयोग करें।

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