11 मई को होगी AIEEE परीक्षा
प्रतिष्ठित अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (AIEEE) का पर्चा एक मई को लीक होने के मद्देनजर परीक्षा नहीं दे सकने वाले छात्रों के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 11 मई को परीक्षा का...
प्रतिष्ठित अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (AIEEE) का पर्चा एक मई को लीक होने के मद्देनजर परीक्षा नहीं दे सकने वाले छात्रों के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 11 मई को परीक्षा का आयोजन कर रही है।
बोर्ड के निदेशक (विशेष परीक्षा) पीतम सिंह ने कहा कि केवल वैसे परीक्षार्थी जो एक मई को AIEEE की परीक्षा में नहीं बैठ पाए थे, उनके लिए 11 मई को फिर से परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 11 मई को फिर से निर्धारित परीक्षा में वैसे उम्मीदवार बैठ सकते हैं जो एआईईईई की परीक्षा में शामिल नहीं हो सके क्योंकि जिस परीक्षा केंद्र पर उन्हें उपस्थित होना था वहां एएफएमसी की परीक्षा भी आयोजित की जा रही थी और केंद्र एआईईईई की परीक्षा का आयोजन नहीं कर सका।
सिंह ने कहा कि इसमें वैसे छात्र भी शामिल हो सकते हैं जो एएफएमसी परीक्षा में शामिल होने के कारण AIEEE की परीक्षा नहीं दे सके थे। इसके अलावा प्रशासनिक कारणों से नहीं शामिल हो सकने वाले छात्र भी 11 मई को फिर से आयोजित की जा रही परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
सिंह ने कहा कि 11 मई की परीक्षा में बैठने वाले छात्र अपने पुराने प्रवेश पत्र अथवा सीबीएसई की वेबसाइट से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर परीक्षा में बैठ सकते हैं। बोर्ड ने इस बार भी देश के 20 केंद्रों पर ऑनलाइन माध्यम से AIEEE परीक्षा का आयोजन किया था और इसमें कोई समस्या नहीं उत्पन्न हुई थी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में एआईईईई का पर्चा लीक होने और छह-छह लाख रुपए में कथित तौर पर बेचे जाने का मामला प्रकाश में आने पर सीबीएसई ने एक मई को आयोजित परीक्षा साढ़े नौ बजे के स्थान पर 12 बजे कर दिया था और प्रश्नपत्र के दूसरे सेट से परीक्षा ली गई।
इधर, सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में एआईईईई परीक्षा को फिर से आयोजित करने के निर्णय पर रोक लगाने की मांग की गई। शीर्ष अदालत में यह याचिका एनआईटी जमशेदपुर के पूर्व प्रोफेसर एपी सिन्हा की ओर से दायर की गई है, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की है।
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में 11 मई को एआईईईई परीक्षा को फिर से आयोजित करने के निर्णय पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था हालांकि अदालत ने सरकार को नोटिस जारी किया था।
शीर्ष अदालत में दायर याचिका के अनुसार, परीक्षा की योजना के तहत प्रदर्शन की एक मेधा सूची बनाने के लिए दो अलग-अलग परीक्षाएं नहीं ली जा सकती है। इससे भटकने से पूरी प्रक्रिया अवैध, असंवैधानिक, मनमानी और स्पष्ट तौर पर छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।