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प्रणव मुखर्जी से मिले रिजर्व बैंक गवर्नर

बढ़ती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में वृद्धि की आशंकाओं के बीच रिजर्व बैंक गवर्नर डी सुब्बाराव ने अगले सप्ताह जारी होने वाली सालाना मौद्रिक एवं लोन नीति की घोषणा से पहले शुक्रवार को यहां वित्तमंत्री...

प्रणव मुखर्जी से मिले रिजर्व बैंक गवर्नर
एजेंसीFri, 29 Apr 2011 05:14 PM
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बढ़ती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में वृद्धि की आशंकाओं के बीच रिजर्व बैंक गवर्नर डी सुब्बाराव ने अगले सप्ताह जारी होने वाली सालाना मौद्रिक एवं लोन नीति की घोषणा से पहले शुक्रवार को यहां वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की।
  
मुखर्जी से मुलाकात के बाद सुब्बाराव ने प्रतीक्षारत संवाददाताओं से कहा सामान्य व्यवस्था के अनुरुप मौद्रिक नीति की समीक्षा से पहले यहां वित्त मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वृहत आर्थिक स्थिति की समीक्षा के लिये मैं यहां आया।
  
रिजर्व बैंक 3 मई को वार्षिक मौद्रिक एवं लोन नीति जारी करेगा। माना जा रहा है कि केन्द्रीय बैंक मौद्रिक समीक्षा करते हुये अल्पकालिक उधारी वाली रेपो और रिवर्स रेपो दरों में एक चौथाई फीसदी की वृद्धि करेगा।
  
महंगाई पर अंकुश रखने के लिये पिछले एक साल में रिजर्व बैंक आठ बार इन दरों को बढ़ा चुका है। हालांकि, इसके बावजूद वित्त वर्ष की समाप्ति पर मार्च में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर केन्द्रीय बैंक के अनुमान से करीब एक प्रतिशत उपर 8.98 प्रतिशत रही।

ऐसे समय जब औद्योगिक उत्पादन में सुस्ती का एख दिखाई देने लगा है रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति दबाव के बेहतर प्रबंधन की चुनौती का सामना करना होगा। ऊंची मुद्रास्फीति से आर्थिक वृद्धि पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर सुब्बाराव ने कहा इन सवालों का जवाब हम 3 मई को देंगे।
  
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है। उधर, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि फरवरी 2011 में धीमी पड़कर 3.6 प्रतिशत रह गई जबकि एक साल पहले फरवरी में यह 15.1 प्रतिशत रही थी।

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