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निर्णय की 'घड़ी' पुरुषों की तेज, महिलाओं की धीमी

पुरुष, पुरुष ही रहता है। जब चुनाव का मामला हो तो पुरुष अधिक निर्णायक भूमिका अदा करते हैं जबकि महिलाएं निर्णय के मामले में अधिक खुले विचारों की होती हैं ।     लेकिन अधिक निर्णायक...

निर्णय की 'घड़ी' पुरुषों की तेज, महिलाओं की धीमी
एजेंसीTue, 19 Apr 2011 06:55 PM
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पुरुष, पुरुष ही रहता है। जब चुनाव का मामला हो तो पुरुष अधिक निर्णायक भूमिका अदा करते हैं जबकि महिलाएं निर्णय के मामले में अधिक खुले विचारों की होती हैं ।
   
लेकिन अधिक निर्णायक होना हमेशा पुरुषों को फायदे में नहीं रखता क्योंकि एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि वे निर्णय लेते समय केवल स्याह और सफेद ही देख पाते हैं लेकिन इसके विपरीत महिलाएं अधिक व्यापकता में विचार करती हैं और अधिक ग्रे शेडस को भी देख पाने में सक्षम होती हैं।

इस सर्वेक्षण में जिन महिलाओं को शामिल किया गया उनमें 23 फीसदी के आंशिक विकल्प चुनने की संभावना रही। मसलन उनसे पूछा गया कि क्या टमाटर एक फल है। इसका फैसला करने में उन्होंने समय लिया और हां या ना से भी इतर विकल्प उनके दिमाग में आए। इसके विपरीत पुरुषों से जब यही सवाल किया गया तो उनका विचार एकदम सीधा था। फिर यह भले ही हां में रहा हो या ना में।

शोध के अगुवा और वारविक यूनिवर्सिटी के डा म जाचारी एस्टेस के हवाले से डेली मेल ने लिखा है कि पुरुषों और महिलाओं में यह भेद होता है। उदाहरण के लिए एक पुरुष डाक्टर हो सकता है कि बहुत जल्द और विश्वास के साथ लक्षणों के आधार पर किसी बीमारी का पता लगा ले। इससे बीमारी का तुरंत उपचार शुरू करने में मदद मिलती है लेकिन यदि बीमारी का पता लगाने में कहीं कोई गलती होती है तो इसका भयंकर दुष्परिणाम सामने आ सकता है।

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