शांति भूषण के खिलाफ सीडी पूरी तरह फर्जीः प्रशांत भूषण
नए लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए गठित संयुक्त समिति के सह अध्यक्ष शांति भूषण की हाल में उजागर विवादास्पद सीडी को फर्जी बताते हुए समिति के सदस्य प्रशांत भूषण ने रविवार को दो फारेंसिक जांच...
नए लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए गठित संयुक्त समिति के सह अध्यक्ष शांति भूषण की हाल में उजागर विवादास्पद सीडी को फर्जी बताते हुए समिति के सदस्य प्रशांत भूषण ने रविवार को दो फारेंसिक जांच प्रयोगशालाओं की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि सीडी में कम से कम छह जगह छेड़छाड़ की गई है और वह इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में जल्द ही मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
प्रशांत भूषण ने संवाददाताओं से कहा कि इस सीडी का मकसद संयुक्त समिति में शामिल नागरिक समूहों के प्रतिनिधियों को बदनाम करना तो है ही, संभवत यह समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह के सीडी मामले को सार्वजनिक करने और औने पौने भाव में 2जी स्पेक्ट्रम के लिए दिए गए लाइसेंस खारिज करने की याचिकाओं पर न्यायिक प्रक्रिया को बाधित करना भी है। उन्होंने बताया कि इन दोनों मामलों में सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित कर लिया गया है।
जाने-माने वकील भूषण ने बताया कि दोनों याचिकाएं स्वयं उन्होंने उच्चतम न्यायालय में दाखिल की थी और दोनों की सुनवाई उन्हीं न्यायाधीश की अदालत में हुई, जिनके बारे में (फर्जी सीडी) में आरोप लगाया गया है कि मैं उन्हें प्रभावित कर सकता हूं।
प्रशांत भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह स्पष्ट रूप से ऐसे कुछ लोगों की साजिश है जिन पर देश के बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली लोगों का वरद हस्त है। उन्होंने कहा कि यह छेड़छाड़ वाली सीडी सभ्य समाज की छवि धूमिल करने और लोकपाल विधेयक तैयार करने की प्रक्रिया को बाधित करने के लिए जारी की गई है।
उन्होंने बताया कि सीडी में कम से कम छह स्थानों पर इलेक्ट्रानिक एडिंग के संकेत मिले हैं। इस कथित फर्जी सीडी में शांति भूषण, मुलायम सिंह और अमर सिंह की बातचीत टेप है जिसमें वे एक न्यायाधीश को प्रभावित करने की बात कह रहे हैं।
शांति भूषण इस मामले में पहले ही प्राथमिकी दर्ज करा चुके हैं। प्रशांत भूषण ने कहा है कि इस मामले में स्वतंत्र जांच के लिए उच्चतम न्यायालय में अवमानना याचिका भी दाखिल की जाएगी।