26/11 मामले में कोई नरमी नहीं: भारत
भारत सरकार ने गुरुवार को कहा कि मुंबई हमले के संदर्भ में उसके रुख में कोई नरमी नहीं आई है और अभी भी वह इस बात पर कायम है कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाया जाना...
भारत सरकार ने गुरुवार को कहा कि मुंबई हमले के संदर्भ में उसके रुख में कोई नरमी नहीं आई है और अभी भी वह इस बात पर कायम है कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से भी बड़े पैमाने पर यही विचार रखा गया है। जिन देशों के लोग इस हमले में मारे गए थे, उनका भी रुख यही रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के साथ वार्ता बहाली रिश्तों को सामान्य बनाने के मकसद से की गई है। उसने कहा, इस बातचीत से हमें आतंकवाद से जुड़ी अपनी चिंताओं, खासकर मुंबई हमले को लेकर एक निदान तलाशने में मदद मिलेगी।
विदेश मंत्रालय के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि मुंबई हमले का मुद्दा पिछले दिनों गृह सचिव स्तर की वार्ता के दौरान मुख्य रूप से उठाया गया था और इसे लेकर सरकार के रुख में कोई नरमी नहीं आई है। मंत्रालय की ओर से यह बात पाकिस्तानी मूल के संदिग्ध आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा के अमेरिकी अदालत में दिए बयान से जुड़े सवाल के जवाब में कही गई है। राणा ने अदालत को बताया कि उसने पाकिस्तानी सरकार और आईएसआई के कहने पर मुंबई हमले में मदद की थी। 26 नवंबर, 2008 को हुए मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे।
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने बुधवार को कहा कि राणा के दावों का मामला पाकिस्तान के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अपने राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान के साथ लगातार संपर्क में बने हुए हैं।
कृष्णा ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत की प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि ये दो अलग-अलग पहलू हैं। शांति वार्ता आगे बढ़नी चाहिए और क्रिकेट भी चलना चाहिए। इसके साथ ही हमारा यह भी प्रयास जारी रहना चाहिए कि हम मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाए।
राणा के दावे के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इन चीजों को सत्यापित करना होगा। हम यह उम्मीद करते हैं कि साजिश करने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।