आर्थिक वृद्धि को पटरी से उतार सकते हैं विलय नियम: सीआईआई
उद्योग संगठन सीआईआई ने कहा है कि प्रतिस्पर्धा कानून 2002 में विलय नियमों से जुडे़ प्रावधानों के कारण नियामकीय तथा प्रयोगात्मक बाधाएं खड़ी हो सकती हैं जिसका प्रतिकूल असर अंतत: देश की वृद्धि...
उद्योग संगठन सीआईआई ने कहा है कि प्रतिस्पर्धा कानून 2002 में विलय नियमों से जुडे़ प्रावधानों के कारण नियामकीय तथा प्रयोगात्मक बाधाएं खड़ी हो सकती हैं जिसका प्रतिकूल असर अंतत: देश की वृद्धि की गति पर पड़ेगा।
सीआईआई ने एक बयान में सरकार की इस पहल को गलत समय पर उठाया गया कदम बताया है। सीआईआई ने कहा कि मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए यह कदम गलत समय पर उठाया गया है और नियामकीय एवं बाधाओं का असर देश की वृद्धि की गति पर पड़ सकता है।
इसके अनुसार प्रतिस्पर्धा कानूनों के किसी भी तरह के दुरूपयोग का दूरगामी आर्थिक असर देश के लिए होगा।
उद्योग संगठन का कहना है कि विदेशी वैश्विक सौदों की जांच उसी हालात में की जानी चाहिए अगर दोनों पक्षों के कुछ देशीय बंधन हों।
नये मसौदा दिशा निर्देशों के कुछ प्रावधानों में अधिकतम सीमा में 50 प्रतिशत बढोतरी, विलय से पूर्व की परामर्श दस लाख से 40 लाख रुपये तक का शुल्क शामिल है।