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फुकुशिमा संयंत्र में काम शुरू

जापान में विनाशकारी भूकंप और सुनामी के कारण क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में इंजीनियरों ने रिएक्टर संख्या तीन में कूलिंग सिस्टम बहाल करने के लिए गुरुवार को काम फिर से शुरू कर दिया, जबकि इस...

फुकुशिमा संयंत्र में काम शुरू
एजेंसीThu, 24 Mar 2011 01:43 PM
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जापान में विनाशकारी भूकंप और सुनामी के कारण क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में इंजीनियरों ने रिएक्टर संख्या तीन में कूलिंग सिस्टम बहाल करने के लिए गुरुवार को काम फिर से शुरू कर दिया, जबकि इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 9,523 हो गई है और 16,094 लोग अब तक लापता हैं।

वेबसाइट 'बीबीसी डॉट को डॉट यूके' के अनुसार बुधवार दोपहर को रिएक्टर से स्याह धूंआ उठने के बाद टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कम्पनी-टेप्को ने यहां काम रोक दिया था। रेडियोधर्मी विकिरण से टोक्यो का पानी और आसपास उगाई जाने वाली सब्जियां खाने लायक नहीं रही हैं।

विज्ञान मंत्रालय ने संयंत्र के आसपास के क्षेत्रों में मिट्टी, पानी और वायु में रेडियोधर्मी आयोडीन, सीजियम के स्तरों पर नजर रखनी शुरू कर दी है। यह कदम टोक्यो के गवर्नर शिनतारो इशिहारा द्वारा नलों के पानी में रेडियोएक्टिव आयोडीन का स्तर शिशुओं के लिए सुरक्षित समझे जाने वाले स्तर से दोगुना बढ़ने की बात कहे जाने पर उठाया गया है।

जापान के आसपास के इलाकों में भी चिंता बढ़ रही है। जापान के प्रभावित क्षेत्र से खाद्य पदार्थो के आयात पर प्रतिबंध लगाने वाले देशों की कड़ी में आस्ट्रेलिया का नाम भी जुड़ गया है। इस बीच, टेप्को ने कहा है कि कामगारों की सुरक्षा के आश्वास्त हो जाने के बाद ही गुरुवार को उन्हें संयंत्र के रिएक्टर संख्या तीन पर काम शुरू करने की इजाजत दी गई।

जापान की राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा एजेंसी ने गुरुवार को संयंत्र से धूंआ उठना बंद हो जाने की पुष्टि की है हालांकि जापान की समाचार एजेंसी 'एनएचके वर्ल्ड' ने खबर दी है कि रिएक्टर संख्या-एक, दो, तीन और चार से भाप उठना जारी है।

उधर, टेप्को ने कहा है कि रिएक्टर संख्या एक के नियंत्रण कक्ष में बत्तियां जलाने में कामयाबी मिल गई है और वह उसके भीतर का दबाव कम करने की कोशिश कर रही है। टेप्को ने बुधवार को यहां पानी का छिड़काव किया था जिसकी वजह से यहां का तापमान 400 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था जबकि सुरक्षा सीमा 302 डिग्री सेल्सियस है।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा है कि कुछ सकारात्मक घटनाक्रमों के बावजूद स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। फुकुशिमा संयंत्र टोक्यो से 250 किलोमीटर पूर्वोत्तर में है। जापान सरकार ने 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है, जबकि 30 किलोमीटर के दायरे में रहने वालों से घरों के भीतर रहने को कहा गया है। फुकुशिमा के लोग को 11 तरह की सब्जियां न खाने की सलाह दी गई है। स्थानीय उत्पादकों से अपने उत्पाद बाजार में न भेजने को कहा गया है।

इसी तरह टोक्यो में शिशुओं को नल का पानी न पिलाने की सलाह देने के बाद प्रशासन ने गुरुवार को शिशुओं वाले घरों में 2,40,000 बोतल पानी वितरित करने की योजना बनाई है। उस क्षेत्र में करीब 80 हजार शिशु हैं। इस बीच कावागाछी शहर के जलापूर्ति संयंत्रों में रेडियोधर्मी आयोडीन की मात्रा स्वीकृत स्तर से ज्यादा पाई गई है।

इस कुदरती कहर की वजह से जापान में अब तक 9,523 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और 16,094 अब तक लापता  हैं। सबसे ज्यादा मौते मियागी में हुई है। पुलिस को अनुमान है कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हजार से ज्यादा हो सकती है। दो लाख से ज्यादा लोग अब तक राहत शिविरों में रह रहे हैं। एनएचके वर्ल्ड के अनुसार कुछ लोगों ने अपने घरों को लौटने का प्रयास किया है, लेकिन वहां जरूरी आपूर्तियों की किल्लत बरकरार है।

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