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सीने से सरिया निकाल कर जान बचाई

इसे चमत्कार कहें या फिर डॉक्टरों का भागीरथ प्रयास। ट्रक चालक शिवानन्द मिश्र (60) की जान बच गई है। शिवानन्द का ट्रक मोहनलालगंज में सरिया से लदे एक अन्य ट्रक से सोमवार रात भिड़ गया। दर्जनों सरिया ट्रक...

 सीने से सरिया निकाल कर जान बचाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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इसे चमत्कार कहें या फिर डॉक्टरों का भागीरथ प्रयास। ट्रक चालक शिवानन्द मिश्र (60) की जान बच गई है। शिवानन्द का ट्रक मोहनलालगंज में सरिया से लदे एक अन्य ट्रक से सोमवार रात भिड़ गया। दर्जनों सरिया ट्रक का विंड स्क्रीन तोड॥कर चालक की सीट तक घुस गईं। 25 एमएम की एक सरिया उसके सीने को फाड॥कर पार हो गई। मोहनलालगंज-उन्नाव बाईपास पर यह हादसा बीएसएफ के कैम्प के पास हुआ। जवानों ने पुलिस की मदद से करीब ढाई घण्टे में आरी से सरिया काटकर शिवानन्द को ट्रक से निकाला। इसके बाद सीने में धँसी हुई करीब दो फीट लम्बी सरिया के साथ पुलिस शिवानन्द को लेकर सुबह छह बजे ट्रामा सेंटर पहुँची। यहाँ डॉक्टरों ने चमत्कारिक ऑपरेशन कर उसकी जान बचा ली।ड्ढr देवरिया के मूल निवासी शिवानन्द के सीने में जो सरिया धँसा उसका इस्तेमाल बड़े निर्माणकार्यो में किया जाता है। मोहनलालगंज थाने के दरोगा धर्मपाल सिंह ने बताया कि सरिया घुसने से शिवानन्द के शरीर से काफी खून निकल गया। सरिया काटने के दौरान चालक दर्द से छटपटाता रहा। सरिया घुसने के पाँच घण्टे बाद सुबह छह बजे शिवानन्द को ट्रामा सेंटर पहुँचाया जा सका। सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने उसके जटिल ऑपरेशन के लिए दवाओं का इंतजाम कराया। सुबह नौ बजे से 11 डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन शुरू किया। इस टीम में सर्जरी विभाग के डॉ. सुरेश व डॉ. अरशद के अलावा डॉ. सोमनाथ, डॉ. सोमिल, डॉ. भानु प्रताप, डॉ. ओम प्रकाश प्रजापति और डॉ. हरिओम गुप्ता शामिल थे। एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. रानी कपूर, डॉ. रश्मि, डॉ. अंका सागर व डॉ. चेतना ने ऑपरेशन में सहयोग दिया। सबसे पहले शरीर में घुसा सरिया निकालने के लिए जगह बनाई गई। शिवानन्द की कॉलर बोन कई जगह से टूट गई और फेफड़ा क्षतिग्रस्त हो गया था। जूनियर डॉक्टरों ने खुद रक्तदान कर तीन यूनिट रक्त का इंतजाम किया। फेफड़े में जमा खून बाहर निकालने के लिए करेक्िटव सर्जरी कर टय़ूब डाला गया। क्षतिग्रस्त नसों की भी मरम्मत की गई। सरिया बाईं ओर दिल के बगल में घुसा था। लिहाजा अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ी। डॉक्टरों के अनुसार अब शिवानन्द की जान को कोई खतरा नहीं है।ड्ढr मौत का दूसरा रूप था यह ट्रक:पेज 10ं

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