फोटो गैलरी

Hindi News ब्लॉग वार्ता : पीएम इन वेटिंग से ब्लॉगर इन मेकिंग

ब्लॉग वार्ता : पीएम इन वेटिंग से ब्लॉगर इन मेकिंग

शीर्षक अंग्रेजी में है। प्रधानमंत्री पद का इंतजार करत-करते लालकृष्ण आडवाणी ब्लॉगर भी हो गए। संस्मरणों को राजनीतिक व्याख्यान में शामिल करन की शैली आडवाणी की है। एनडीए शासन के दौरान कुछ प्रेस...

 ब्लॉग वार्ता : पीएम इन वेटिंग से ब्लॉगर इन मेकिंग
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

शीर्षक अंग्रेजी में है। प्रधानमंत्री पद का इंतजार करत-करते लालकृष्ण आडवाणी ब्लॉगर भी हो गए। संस्मरणों को राजनीतिक व्याख्यान में शामिल करन की शैली आडवाणी की है। एनडीए शासन के दौरान कुछ प्रेस कांफ्रेंस, कई रैलियां और एक-दो मुलाकात। आडवाणी जी को लेकर मेरा यही फ्लैश बैक है। मगर लग जाता था कि आडवाणी जी क्या बोलने वाले हैं। कुछ पुरानी बातें अब कहने जा रहे हैं। मेरा यह गेस यानी अंदाजा सही निकला। ड्ड द्धrद्गथ्=द्धह्लह्लश्चज्ड्ढद्यoद्द.द्यद्मड्डस्र्1ड्डठ्ठन्.न्ठ्ठद्धह्लह्लश्चज्ड्ढद्यoद्द.द्यद्मड्डस्र्1ड्डठ्ठन्.न्ठ्ठ क्िलक किया तो आडवाणी जी ब्लॉगर की तरह मुखातिब हो गए। माय कंट्री माय लाइफ लिखने और उससे पहले भी कुछ किताबें लिखन के बाद राजनेता के पास कहन के लिए बहुत कुछ बचा रहता है। ये सारी बातें किसी खास वक्त के इंतजार में बचा कर रखी जाती हैं। खासकर वैसे राजनेता के पास जो हर तरह के विवादों के बाद भी आजाद भारत के पहले चुनाव से राजनीति में मौजूद है। और यहीॅ से शुरुआत करते हैं आडवाणी जी अपनी पहली पोस्ट। फ्लैश बैक। 25 साल की उम्र में युवा आडवाणी राजस्थान में प्रचार करने गए हैं। भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार का प्रचार। कोटपुतली क्षेत्र की समस्या कैसे दूर हो, इसका पूरा विवरण तैयार करते हैं और हैंड बिल छपता है। लकिन उम्मीदवार आडवाणी जी को पढ़ा देता है। कहता है हैंड बिल को रखिए अपने पास। मैं गुर्जर हूं। सभी गुर्जर मुझे ही वोट देंगे। अगर आपको अब भी लगता है कि हैंड बिल बंटने चाहिए तो बंटवा देता हूं। लकिन इसमें टाइम बहुत खराब होगा। 1से लेकर 200े बीच चुनाव की प्रक्रियाएं बहुत बदल गई हैं। बतौर आडवाणी मतदाता मैच्योर हो गए हैं। लकिन क्या वे इससे इन्कार कर सकते हैं कि ये आज भी सच है। फ्लैश बैक जारी है। आडवाणी जी के लेखों में घटनाओॅ को ज्यादा जगह मिलती है। वो खुद को जगह नहीं देते। लकिन इन बातों से राजनीति के बहसबाजों को बहुत मसाला मिल सकता है। लिखते हैं कि मुझे आज भी गर्व होता है कि मैंने सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में पहली बार ऑल इंडया रेडियो पर विपक्ष को अपनी बात रखन का टाइम दिया। आगे लिखते हैं कि इसके बाद भी 1में आंध्र प्रदेश के चुनाव में ऑल इंडिया रेडियो ने एक बार भी एन. टी. रामाराव का नाम नहीं लिया। ब्लॉगर बन कर भी आडवाणी विपक्ष के नेता ही हैं। स्वाभाविक भी है। मगर ब्लॉगर का स्वाभाव इकतरफा नहीं होता। जब वो रौॅ में लिखता है तो अपने समय के तमाम पक्षों को सामने रख देता है। आडवाणी आजादी के पहल के उन तीन वर्षो में चले जाते हैं जो कराची में उनके आखिरी के साल थे। आडवाणी जी हर रविवार की शाम कराची के रामाकृष्ण मिशन जाया करते थे। स्वामी रंगनाथनंदा के गीता प्रवचनों को सुनन के लिए। संस्मरणों की भी एक भूमिका होती है। आडवाणी लिखते हैं कि बंगाल में अकाल पड़ा। स्वामी ने पांच लाख रुपये जमा किये और मदद की ठान ली। बंगाल निर्यात के लिए अनुमति मांगी तो रुकन के लिए कहा गया, क्योंकि मुस्लिम लीग भी मदद भेजना चाहती थी। आडवाणी बताते हैं कि मुस्लिम लीग ने सिर्फ छह टन अनाज भेजा और स्वामी जी के आश्रम ने 1240 टन अनाज। अपने तीनों लेख के एक जगह आडवाणी जी यह भी लिखते हैं कि इंटरनेट पर किसी सरकार का बंधन नहीं हो सकता है। सिर्फ कम्युनिस्टों को छोड़ कर। अलग-अलग जगहों से उठा कर इन दोनों लाइनों को बंगाल के संदर्भ में देखने से मजा आता है। यहीं पर धीरे से जिन्ना विवाद पर अपनी बात कहते हैं। लिखते हैं कि स्वामी रंगनाथनंदा ने ही उनस कहा था कि जिन्ना का 11 अगस्त 1ा भाषण धर्मनिरपेक्षता की सही परिभाषा देता है। आडवाणी कहते हैं कि स्वामी जी की यह बात अवचेतन में रह गई। जिसने 2005 की पाकिस्तान यात्रा के समय जिन्ना पर मेरे बयान को विवादास्पद बना दिया। पार्टी के लिए यह विवाद भले ही खत्म हो गया हो मगर आडवाणी जी के अवचेतन में अब भी है। कम स कम ब्लॉगर आडवाणी के मन में। लगता तो यही है। जो लोग राजनीति में विश्वास रखते हैं और अपनी सोच से अलग राजनीति का विरोध करते हैं उन्हें इस ब्लॉग पर नजर रखनी चाहिए। यहां खंडन की गुंजाइश कम होगी। यह पार्टी का बयान नहीं बल्कि आडवाणी का लिखा हुआ ब्लॉग है पाठकों। कम हिम्मत की बात नहीं होती। उमर अब्दुल्ला को अपना ब्लॉग बंद करना पड़ गया। देखते हैं आडवाणी जी का कब तक चलता है। लेखक का ब्लॉग है ठ्ठड्डन्ह्यड्डस्र्ड्डद्म.ड्ढद्यoद्दह्यश्चoह्ल.ष्oद्वं

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें