पंचायतों को बनाना होगा और कारगर : पीएम
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 11वीं पंचवर्षीय योजना में समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समावेशी प्रशासन की वकालत की और इसके लिए पंचायती व्यवस्था को और कारगर बनाने की अपील की है। डॉ....
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 11वीं पंचवर्षीय योजना में समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समावेशी प्रशासन की वकालत की और इसके लिए पंचायती व्यवस्था को और कारगर बनाने की अपील की है। डॉ. सिंह ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में जिला पंचायत अधिकारियों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। सम्मेलन में केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री मणिशंकर अय्यर के अलावा पंचायती राज सचिव तथा देश के चुनिंदा जिला एवं क्षेत्रीय स्वायत्त परिषद के सदस्य और नगर निगमों के महापौर भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य समावेशी विकास और यह समावेशी शासन के जरिए ही प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए पंचायतों के कामकाज को और कारगर बनाना होगा। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब हम पंचायती संस्थाआें के चुने जनप्रतिनिधियों की कार्यक्षमता को मजबूत बनाएं और इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित करें। उदाहरण के लिए अगर ‘नरेगा’ को पंचायतों के जरिए लागू करना हैं तो इसके लिए पंचायत प्रतिनिधियों की कार्यक्षमता को बढ़ाने का काम हाथ में लेना होगा। उन्होंने कहा कि अभी 1रायों ने जिला योजना समितियों का गठन किया है, लेकिन अभी भी पांच रायों ने इन समितियों का गठन नहीं किया है। मैं उनसे अपील करता हूं कि वे बिना समय गंवाए समितियों का गठन तो करें। डॉ. सिंह ने कहा कि सामूहिक दूरदर्शिता के साथ प्रत्येक योजना को शुरू करने की वकालत करते हुए कहा कि कोई भी योजना ग्राम स्तर पर ग्राम सभाआें के जरिए बननी चाहिए और इसके लिए उनके कार्यक्षेत्र का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए।