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आपका टेस्ट और स्टाइल दर्शाती फ्लोरिंग टाइल्स

टाइल्स की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण इनका किफायती और सुविधाजनक होना है। फ्लोर टाइल्स का चलन इसलिए बढ़ता जा रहा है, क्योंकि पत्थर (स्टोन) के मुकाबले इन्हें बिछाना आसान होता है। पॉलिश करवाने का कोई...

आपका टेस्ट और स्टाइल दर्शाती फ्लोरिंग टाइल्स
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 12 Oct 2010 12:15 PM
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टाइल्स की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण इनका किफायती और सुविधाजनक होना है। फ्लोर टाइल्स का चलन इसलिए बढ़ता जा रहा है, क्योंकि पत्थर (स्टोन) के मुकाबले इन्हें बिछाना आसान होता है। पॉलिश करवाने का कोई झंझट नहीं और डिजाइन व रंगों की इतनी अधिक च्वाइस उपलब्ध है, जो कि स्टोन में नहीं है।

इस बारे में ला सरोजिका के इंटीरियर डिजाइनर इंटीरियर डिजाइनर सौरभ बताते हैं, ‘टाइल्स के बिना हम किसी भी घर, होटल या रेस्टोंरेंट को सजाने की कल्पना भी नहीं कर सकते। बाजार में उपलब्ध वैरायटी की रेंज इतनी अधिक है कि ग्राहक खुद निर्णय नहीं कर पाता कि किसे चुने और अंतत: सारा काम हमारी कल्पनाशीलता पर ही छोड़ दिया जाता है। टाइल्स के संबंध में अच्छी बात ये भी है कि फर्श का लुक बदलने के लिए बेकार की तोड़फोड़ की कोई जरूरत नहीं पड़ती। कैमिकल से थोड़े समय में टाइल्स बिछाना और लगाना एक अच्छा और आसान विकल्प है।’

टाइल्स का बाजार अब भारतीय टाइल्स निर्माताओं पर ही निर्भर नहीं रह गया है। चाइनीज टाइल्स धीरे-धीरे भारतीय बाजारों में अपनी पैठ बनाती जा रही हैं। सस्ती होने के कारण सीमित बजट वाले ग्राहक इन्हें पसंद करते हैं। हालांकि इस सच्चाई को भी झुठलाया जा नहीं सकता कि बहुत सी भारतीय कंपनियां चीन से टाइल्स आयात कर उस पर अपना ठप्पा लगा कर बेच रही हैं। स्टाइल और हर चीज में अपना डिफरेंट टेस्ट रखने वाले ग्राहकों को इटैलियन और स्पेनिश टाइल्स पसंद आती हैं। इनके रंग और डिजाइन अनूठे हैं, लेकिन यह चुनिंदा शो रूम्स पर ही उपलब्ध हैं। सेरेमिक और वैट्रीफाइड टाइल्स अब साटिन, लैदर और वुड फिनिश में उपलब्ध हैं। ग्लास और स्टील लुक टाइल्स भी इंटीरियर में ग्लैमर पैदा कर देती हैं।

न्यू ट्रेंड्स

टाइल्स में आजकल मैट फिनिश का चलन जोरों पर है। चमचमाती या ग्लॉसी टाइल्स अब ट्रेंड्स से आउट हो गई हैं। ग्लॉसी लुक अब चीप मानी जाती है। बाथरूम में फ्लोरिंग के लिए एंटी स्किड यानी फिसलन रोधी टाइल्स ही लगाना उचित है। इसकी सफाई भी आसान रहती है। बाथरूम में शावर के नीचे हाई लाइट के विरोधी कलर की टाइल्स लगाने से बाथरूम की खूबसूरती बढ़ जाती है। इनमें मोटिफ्स भी इस्तेमाल किए जाते हैं। किचन में कुकिंग एरिया के ऊपर 474 इंच की टाइल्स का रिवाज अब खत्म हो गया है। इसकी बजाय अब 2 फुट और 1 फुट की बड़ी टाइल्स लगने लगी हैं। इनमें भी नया ट्रेंड स्टील लुक वाली टाइल्स का है, जो रसोई की सफाई के लिए सहायक सिद्ध होती हैं। इनमें खाद्य पदार्थों या टी-सेट अदि के मोटिफ्स लगा कर खूबसूरती बढ़ाई जा सकती है। बैडरूम या लिविंग एरिया के फ्लोर पर बड़ी और कम से कम 272 की ज्वाइंट लैस टाइल्स लगाने का रिवाज आ गया है। इनमें ऐसी टाइल्स भी आ गई हैं, जो स्टोन लुक देती हैं।

आजकल फार्म हाउस या कोठी को कॉटेज लुक देने के लिए इनकी छत पर टैराकोटा से बनी कोरोगेटेड (नालीदार) टाइल्स बिछाई जाती हैं, जो देखने में बेहद खूबसूरत, सस्ती और आसानी से लगाई जा सकती हैं। लॉन या गार्डन एरिया में हैक्सामन या विविध आकार की स्टोन टाइल्स भी बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं, जो इस्तेमाल में रफ-टफ होती हैं और गार्डन एरिया की खूबसूरती बहुत बढ़ा देती हैं। बैडरूम जैसे एरिया में हमेशा फ्लोरिंग के लिए हल्के और पेस्टल शेड्स इस्तेमाल करें। इससे मानसिक सुकून महसूस होता है। किचन छोटा हो तो दीवारों पर हल्के रंगी की टाइल्स लगाना ही उचित रहेगा। बड़े किचन में सॉफ्ट रंग इस्तेमाल कर सकते हैं। बड़े या छोटे फ्लोर एरिया में गहरे या चटख रंगों की टाइल्स इस्तेमाल कर सकते हैं, इसका ज्यादा इस्तेमाल से फर्श जल्दी ही उबा देगा। कुछ चुनिंदा कम्पनियां अब कस्टम मेड यानी आपकी पसंद अनुसार टाइल्स भी बनाने लगी हैं, जिन्हें कम्प्यूटर की मदद से बनाया जाता है। इनमें आप अपने पसंदीदा मोटिफ्स या परिवार के फोटो भी प्रिंट करवा सकते हैं। ग्रे, हरा बेज (हल्का) और सेल्फ डिजाइन वाली टाइल्स भी आजकल चलन में है।

प्रमुख टाइल्स बाजार

राजा गार्डन
कोटला मुबारकपुर
मंगोल पुरी
जगत पुरी (कड़कड़डूमा)
ग्रेटर कैलाश
करोल बाग (रैगरपुरा)
मंगोल पुरी
ओखला
नोएडा
पीतमपुरा (शिवा मार्केट)

महत्त्वपूर्ण टिप्स

फ्लोरिंग में कभी भी छोटे टाइल्स इस्तेमाल न करें। इनके ज्वाइंट्स दिखने में भद्दे लगते हैं।

टाइल्स ज्यादा डिजाइन वाली न हों, अन्यथा आप जल्द ही उनसे ऊब जाएंगे।

शोख और चटख रंगों का कम से कम उपयोग करें। यह आंखों को चुभने लगते हैं।

हमेशा प्लेन सरफेस वाली टाइल्स चुनें, ताकि उन्हें आसानी से साफ किया जा सके। एंटीक लुक वाली टाइल्स में खड्डे होते हैं, जिनमें गंदगी और धूल जम जाती है।

टाइल्स बिछाने का काम किसी निपुण कारीगर से करवाएं। महंगी टाइल्स पर लगा पैसा बर्बाद हो सकता है।

बची हुई टाइल्स संभाल कर रखें। भविष्य में कोई भी टाइल खराब होने पर उसे बदलने में आसानी होगी। कई बार टाइल्स के डिजाइन भी बाजार से आउट हो जाते हैं।

घर के जिस हिस्से में ज्यादा आवागमन हो, वहां गहरे रंग इस्तेमाल न करें, वर्ना वह थोड़े दिनों में बदरंग नजर आने लगेगा।

छोटी स्पेस में भी बड़ी और ज्वाइंट लेस टाइल्स लगाने से वह एरिया खुला और बड़ा दिखाई देता है।

हैवी ट्रैफिक एरिया में मजबूत और रफ-टफ टाइल्स लगाएं, क्योंकि उस पर जूते पहने लोग चलेंगे। इसके विपरीत बाथरूम में सॉफ्ट फील वाली टाइल्स नंगे पैरों को अच्छा एहसास देंगी।

टाइल्स की किस्में   टाइल्स के आकार          टाइल्स का उनयोग
सेरेमिक                         878 इंच                  बाथरूम
स्लेट                            12712 इंच               लॉबी फ्लोर
ग्लास                          8712 इंच                   ड्राइंग रूम
मोजेक                        12718 इंच                  फ्लोर
फाइबर                          24724 इंच               मेन डोर वॉल
ग्रेनाइट                       48748 इंच                   कॉलेजरूफ
वेट्रीफाइड                       13727 इंच               गज़िबो रूफ

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