ओबामा राज में अंकस सैम बोले हिंदी
बराक ओबामा का शासन आते ही अंकल सैम की जुबान बदल गई है। अब अमेरिकी प्रशासन भारतवासियों से उनकी अपनी हिंदुस्तानी में बात करने को उत्सुक है। भारत के लिए अमेरिका की बदली हुई जुबान का पहला संकेत...
बराक ओबामा का शासन आते ही अंकल सैम की जुबान बदल गई है। अब अमेरिकी प्रशासन भारतवासियों से उनकी अपनी हिंदुस्तानी में बात करने को उत्सुक है। भारत के लिए अमेरिका की बदली हुई जुबान का पहला संकेत गुरुवार को यहां अमेरिकी दूतावास ने दिया जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के बाद दिए गए भाषण का हिंदी अनुवाद जारी कर दिया। और तो और इस भाषण के लिए अमेरिकी जनसम्पर्क विभाग ने अपना लैटर पैड भी हिंदी में प्रकाशित किया और आम बोलचाल की भाषा में ओबामा के भाषण को ज्यों का त्यों पेश किया। अमेरिकी जन सम्पर्क विभाग ने ओबामा के शपथ ग्रहण के दो दिन बाद यह सम्बोधन हिंदी में जारी किया है लेकिन अनुवाद की भाषा के प्रवाह से स्पष्ट है कि ओबामा प्रशासन हिंदुस्तानियों की भाषा को हड़बड़ी या औपचारिकतावश नहीं अपना रहा है बल्कि वह हिंदीभाषियों के दिलों में अपने युवा राष्ट्रपति की बातों को गहराई तक उतारने के प्रति गंभीर है। इसकी बानगी देखिए। ओबामा के भाषण के अंतिम पैराग्राफ को खूबसूरती से हिंदी में उतारा गया है। वह कहते हैं, ‘आओ मिलकर इस बर्फानी संकट का सामना करें और आने वाले तूफानों से निपटें ताकि हमारे बच्चों के बच्चे यह कहें कि जब हम पर बुरा वक्त पड़ा तो हमने अपने सफर को अधूरा छोड़ने से इंकार कर दिया। न पीठ दिखाई और न हमारे कदम डगमगाए एवं क्षितिज पर नजरें गाड़े हुए भगवान की कृपा से आगे बढ़ते रहे और आजादी का महान तोहफा आने वाली नस्लों तक पहुंचाया।’ कुछ समय पहले जब वॉयस आफ अमेरिका की हिंदी सेवा को समेटा गया था तो भारतीय मीडिया ने कहा था कि अंकल सैम अब भारतवासियों तक उनकी जुबान में बात करने के इच्छुक नहीं रह गए हैं। ओबामा का हिंदी सम्बोधन जारी कर अमेरिका ने अपना बदला हुआ रुख और बदली हुई बोली दिखाई है।