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राजनीतिक दलों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया

अयोध्या में राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले में स्वामित्व विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का सभी राजनीतिक दलों ने स्वागत किया। भाजपा ने जहां फैसले को सकारात्मक घटना करार दिया, वहीं कांग्रेस ने...

राजनीतिक दलों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया
एजेंसीThu, 30 Sep 2010 08:18 PM
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अयोध्या में राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले में स्वामित्व विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का सभी राजनीतिक दलों ने स्वागत किया। भाजपा ने जहां फैसले को सकारात्मक घटना करार दिया, वहीं कांग्रेस ने कहा कि इसे किसी की जीत या हार के रूप में नहीं देखना चाहिए।

भाजपा मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए इसे सकारात्मक घटना करार दिया। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व आज शाम इस विषय पर बैठक कर रहा है जहां भविष्य की रणनीति तय की जाएगी।

अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि इससे राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है लेकिन इसे किसी की विजय या किसी की पराजय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

कांग्रेस ने आज अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सभी को इस फैसले का सम्मान करना चाहिए और इसे किसी की हार या किसी की जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

पार्टी महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने कहा कि अदालत ने फैसला दिया है। फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए और न्यायपालिका पर आस्था रखते हुए निर्णय को स्वीकार करना चाहिए। अगर किसी को कोई आपत्ति है तो उच्चतम न्यायालय का मार्ग खुला हुआ है।

फैसले पर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि फैसला उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा और वह इसकी समीक्षा करने के बाद उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। 

बोर्ड के प्रवक्ता एस क्यू आर इलियास कहा कि यह फैसला हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं है। हम इसकी समीक्षा करेंगे और उच्चतम न्यायालय में जाएंगे।

जमात ए इस्लामी के सचिव एम फारूख ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हम उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन उच्च न्यायालय का यह फैसला अंतिम नहीं है।

अदालत के फैसले के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि अयोध्या मालिकाना हक मुकदमे में फैसले को पूरी तरह पढ़े जाने की आवश्यकता है और फैसले की प्रकृति को लेकर सवाल हो सकते हैं।

पार्टी ने कहा कि हमारी संवैधानिक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था में उच्चतम न्यायालय में जाने समेत न्यायिक प्रक्रिया मुद्दों के समाधान का एकमात्र तरीका होना चाहिए।

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