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फैसले पर अमल की जिम्मेदारी केन्द्र कीः मायावती

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ द्वारा श्रीराम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद के स्वामित्व विवाद पर गुरुवार को दिए गए फैसले के तुरन्त बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह...

फैसले पर अमल की जिम्मेदारी केन्द्र कीः मायावती
एजेंसीThu, 30 Sep 2010 07:48 PM
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उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ द्वारा श्रीराम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद के स्वामित्व विवाद पर गुरुवार को दिए गए फैसले के तुरन्त बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजे एक पत्र में कहा कि न्यायालय के निर्णय के क्रियान्वयन का पूरा दायित्व केन्द्र सरकार का है। अत: वह अपनी जिम्मेदारी का तुरन्त निर्वाहन करे।

उच्च न्यायालय के आज शाम निर्णय आने के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पहले के एक फैसले में इस्माइल फारूकी की एक याचिका पर अयोध्या में केन्द्र द्वारा किए गए अधिग्रहण को उचित ठहराया था और वहां की सारी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार को ही दी थी, साथ ही साथ निर्णय में विवादित स्थल पर आने वाले निर्णय के क्रियान्वयन का दायित्व भी केन्द्र सरकार पर डाल दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुवार को उच्च न्यायालय का निर्णय आ गया है और अब इस संबंध में केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह न्यायालय के निर्णय का क्रियान्वयन तुरन्त सुनिश्चित करे।
 उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस मामले को लेकर प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो इसके लिए पूरी तरह केन्द्र सरकार ही जिम्मेदार होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या स्थित विवादित स्थल की 67 एकड़ जमीन केन्द्र सरकार द्वारा अधिगृहीत की गई थी और इसकी सुरक्षा व्यवस्था भी केन्द्र सरकार द्वारा ही की जा रही है अत: उच्च न्यायालय का निर्णय आ जाने के बाद अब केन्द्र सरकार का दायित्व है कि वह निर्णय पर तत्काल यथोचित कार्रवाई सुनिश्चित करे।

केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि विवादित स्थल के निर्णय को लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केन्द्र सरकार का प्रदेश सरकार के साथ पूरी तरह उपेक्षापूर्ण व्यवहार तो रहा ही केन्द्र के गृह मंत्री पी चिदंबरम द्वारा दिया गया बयान भी कम दुर्भाग्यपूर्ण नही है।

उन्होंने कहा कि उप्र सरकार ने प्रदेश की कानून व्यवस्था और संवेदनशीलता को देखते हुए केन्द्र से 642 कंपनी सुरक्षा बलों की मांग की थी, उसके जवाब में केवल 52 कंपनी सुरक्षा बल मुहैया कराए। मायावती ने कहा कि केन्द्रीय सुरक्षा बलों की कमी के चलते अगर निर्णय आने के बाद प्रदेश में कोई अप्रिय घटना के चलते कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो इसके लिए भी केन्द्र सरकार ही पूरी तरह जिम्मेदार होगी।

उन्होंने प्रदेश की पूरी सरकारी मशीनरी पर भरोसा जताते हुए कहा कि वह प्रदेश की कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखेगी और इससे खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेंगी।
 

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