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राष्ट्रमंडल खेलों से तीन साइक्लिस्ट हटाए गए, होगी जांच

राष्ट्रमंडल खेलों के लिए कई ट्रायल के बाद चुनी गई भारतीय साइकिलिंग टीम के तीन साइक्लिस्टों को अचानक से इन खेलों से बाहर किए जाने के बाद नया विवाद पैदा हो गया। कोचों के रवैए से ये साइक्लिस्ट बेहद दुखी...

राष्ट्रमंडल खेलों से तीन साइक्लिस्ट हटाए गए, होगी जांच
एजेंसीThu, 30 Sep 2010 01:42 PM
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राष्ट्रमंडल खेलों के लिए कई ट्रायल के बाद चुनी गई भारतीय साइकिलिंग टीम के तीन साइक्लिस्टों को अचानक से इन खेलों से बाहर किए जाने के बाद नया विवाद पैदा हो गया। कोचों के रवैए से ये साइक्लिस्ट बेहद दुखी हैं और मामले का तूल पकड़ा देख भारतीय साइकिलिंग महासंघ (सीएफआई) ने जांच की हामी भरी है।
    
दरअसल, दिल्ली में अंतिम ट्रायल के बाद 27 सदस्यीय साइकिलिंग टीम चुनी गई थी जिसमें पंजाब के तीन साइक्लिस्ट हितराज सिंह, गुरबाज सिंह और परमजीत सिंह का भी चयन हुआ। इन साइक्लिस्टों की सूची आयोजन समिति को सौंपी गई। सभी को पता था कि अब ये 18 पुरूषों और नौ महिलाओं वाली टीम ही राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेगी।
    
लेकिन पटियाला में अभ्यास के बाद जब यह टीम खेल गांव के लिए रवाना हुई तो इन तीनों साइक्लिस्टों को बिना स्पष्ट कारण बताए टीम से हटा दिया गया।
    
हितराज सिंह ने पटियाला से बताया कि मैंने पिछले साल जुलाई से टीम के साथ हर शिविर में भाग लिया है। हम तीनों ने सभी अनिवार्य ट्रायल भी पास किए। टीम के दिल्ली आने से एक दिन पहले तक हमें पता था कि हम तीनों भी राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रहे हैं लेकिन अचानक से कोच चयन चौधरी ने यह कहकर हमें टीम से बाहर कर दिया कि तुम्हारे लिए इवेंट नहीं है।
    
बीएसएफ में इंस्पेक्टर हितराज ने कहा कि अगर हमारे लिए इवेंट नहीं था तो पहले क्यों नहीं बताया गया। मैं टाइम ट्रायल और स्प्रिंट स्पर्धाओं में तैयारी कर रहा था। हमसे ये भी नहीं कहा गया कि हमें रिज़र्व रखा गया है और हमें अभ्यास के लिए विदेश से आईं नई साइकिलें भी दी गईं और बांड भी भरवाया गया।

इन आरोपों पर साइकिलिंग कोच चयन चौधरी ने साइक्लिस्टों को प्रदर्शन के आधार पर हटाए जाने की बात कहते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने और विदेशी कोच ग्राहम सीर्स ने मिलकर जो नाम के आधार पर प्रविष्टियां (एंट्री बाय नेम) आयोजन समिति को सौपीं उसमें इन तीनों साइक्लिस्टों के नाम के साथ उनकी स्पर्धाएं नहीं लिखी गई थी।
    
उन्होंने कहा कि हमने (ऑस्ट्रेलियाई कोच सीर्स के साथ मिलकर) जो नाम के आधार पर प्रविष्टियां भेजी उसमें इन तीनों के नाम के बाद इवेंट नहीं लिखा इसलिए केवल 15 लड़कों को राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने की अनुमति मिली।
    
कोच ने कहा कि हमने प्रदर्शन के आधार यह निर्णय लिया न कि जानबूझकर। मैंने आधिकारिक रूप से इन खिलाड़ियों से कभी नहीं कहा कि वे राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेंगे। खेल महाकुंभ की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक साइकिलिंग के एक महासंघ की ओर से अधिकतम 27 खिलाड़ी भाग ले सकते हैं।
    
पूछे जाने पर कि भारत लंबे अर्से बाद केवल मेज़बान होने की वजह से साइकिलिंग में भाग ले रहा है तो क्यों न पूरी 27 सदस्यीय टीम उतारी जाए तो चयन ने कहा कि उनके लिए कोई इवेंट ही नहीं था। अगर उनका नाम शामिल करते तो भी वे खेल नहीं पाते।
    
सीएफआई के सहायक सचिव वीएन सिंह ने स्वीकार किया कि शायद संवाद की कमी की वजह से कोचों की ओर से कुछ गलती हुई है और इस मामले की जांच की जाएगी। सिंह ने कहा कि शायद कुछ संवाद की कमी रही। कोचों की ओर से कुछ गलती हुई है। हम राष्ट्रमंडल खेलों के बाद उनसे जवाब मांगेगे और इस मामले की जांच होगी।

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