आउटसोर्सिंग बिल सीनेट में अटका, ओबामा को झटका
आउटसोर्सिंग के जरिये विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को कर राहत देने से इंकार करने वाले आउटसोर्सिंग विरोधी विधेयक के रास्ते में रिपब्लिकन सांसदों ने रोड़ा अटका दिया है। अमेरिकी...
आउटसोर्सिंग के जरिये विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को कर राहत देने से इंकार करने वाले आउटसोर्सिंग विरोधी विधेयक के रास्ते में रिपब्लिकन सांसदों ने रोड़ा अटका दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिये यह बडा झटका माना जा रहा है।
आउटसोर्सिंग विरोधी विधेयक में उन अमेरिकी कंपनियों के लिए कर रियायतें खत्म करने की व्यवस्था है जो विदेशों में ठेके पर काम कराती है और अमेरिका से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराती हैं। डेमोक्रेट द्वारा पेश इस विधेयक को रिपब्लिकन की प्रक्रियागत रूकावट से आगे निकलने के लिए कम से कम 60 मतों की जरूरत थी, लेकिन इसमें सात मतों की कमी रह गई।
अमेरिका में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन देने के प्रयासों के तहत ओबामा उन कंपनियों के लिए कर रियायतें खत्म करने का अभियान छेड़े हुए हैं जो नौकरियां विदेश ले जा रही हैं। ओबामा का कहना है कि उन्हीं कंपनियों को कर रियायतें दी जानी चाहिए जो अमेरिका में रोजगार का सृजन करती हैं।
कांग्रेस के सांसदों का दावा है कि रिपब्लिकन सांसदों ने रोजगार सृजन के उनके प्रयासों को धक्का पहुंचाया है। वहीं दूसरी ओर, रिपब्लिकन सांसदों ने इस विधेयक को यह कहते हुए खारिज किया कि यह एक राजनीतिक दांवपेंच है जिससे कंपनियों पर कर का बोझ बढ़ेगा। भारतीय आईटी कंपनियां कहती रहीं हैं कि इस विधेयक का भारत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। हालांकि उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अन्य देशों में परिचालन कर रही अमेरिकी कंपनियों को इसी डंडे से हांका जा सकता है।